नुसरत भरुचा ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर इजराइल से जुड़ा दर्द भरा एक्सपीरियंस की शेयर
एक्ट्रेस नुसरत भरूचा ने अपने सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर कर इजराइल से जुड़ा दर्द भरा एक्सपीरियंस शेयर किया है। नुसरत ने बोला है- पिछला हफ्ता कभी ना भूलने वाली याद दे गया है। इस दौरान के 36 घंटे मैं कभी भी नहीं भूलूंगी। 7 अक्टूबर की सुबह जब सोकर उठी, तो चारों तरफ से केवल बम फटने और तेज सायरन की आवाज आ रही थी। पता भी नहीं था कि अगले समय क्या होने वाला है।
इजराइल और फिलिस्तीनी आतंकी ग्रुप हमास के बीच चल रही जंग में नुसरत फंस गई थीं। बीते शनिवार 12:30 बजे अंतिम बार नुसरत की टीम की उनसे वार्ता हुई थी। उसके बाद से ही उनसे जुड़ा कोई भी अपडेट सामने नहीं आया था। हालांकि बाद में वो भारतीय एंबेसी की सहायता से हिंदुस्तान वापस आ गईं।
पहला हिस्सा- गुजरा हुआ पल कभी ना भूलने वाला रहा
पिछला हफ्ता मुझे हमेशा याद रहेगा। इस सप्ताह के 36 घंटे ऐसे रहे, जिन्हें मैं कभी नहीं भूलूंगी। 3 अक्टूबर को मैं अपनी फिल्म अकेली की स्क्रीनिंग के लिए इजराइल के हायफा में हायफा फिल्म फेस्टिवल में पार्टिसिपेट करने गई थी। मेरे साथ इजराइली को-एक्टर्स त्साही हलेवी और अमीर बुतरस भी उपस्थित थे।
वहां पहुंचने के बाद हम इजराइल की कई ऐतिहासिक जगहों पर घूमने गए। फिर हमने 6 अक्टूबर की शाम को फिल्म के सभी कलाकारों के साथ डिनर किया। सभी ने फिल्म में काम करने का उत्सव मनाया। फिर हमने वादा किया कि अगली बार भी किसी फिल्म में जरूर साथ काम करेंगे।
इसके बाद हम सभी होटल वापस लौट आए। अगले दिन जब 7 अक्टूबर की सुबह आंख खुली तो कुछ भी बीती शाम जैसा नहीं था। चारों तरफ से बम फटने, तेज सायरन की आवाज आ रही थी। इससे हम पूरी तरह से भय में आ गए। इसके बाद हम सभी को होटल के बेसमेंट में ले जाया गया। कुछ समय बाद हमें पता चल गया कि इजराइल पर हमास के आतंकियों ने धावा किया है।
दूसरा हिस्सा- इजराइल की सड़कों पर खुलेआम गोलीबारी हो रही थी
इस आतंक की स्थिति में हम सब किसी तरह से भारतीय एंबेसी से संपर्क करना चाहते थे। भारतीय एंबेसी हमारे होटल से केवल 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित थी, लेकिन इतनी सी दूरी को भी तय करना असंभव सा लग रहा था। ऐसा लग रहा था कि हमारे बहुत पास ही बम गिर रहे हों। तभी ये समाचार सामने आई कि हमास के आतंकियों ने इजराइल के कई शहरों में घुसपैठ कर ली है। अब वो सड़कों पर भी हैं, लोगों को उनके घरों से बाहर निकाल रहे हैं और लोगों को बेतरतीब ढंग से गोली मार रहे।
इसके अतिरिक्त सड़कों और गाड़ियों पर खुलेआम गोलीबारी जारी थी। तभी, हमने दूसरा सायरन बजते हुए सुना और हम वापस बेसमेंट शेल्टर में चले गए।
जल्द ही इस बात का एहसास हो गया कि हिंदुस्तान वापस जाने के लिए हम निर्धारित समय पर उड़ान नहीं भर पाएंगे। इस बुरे माहौल से निकलने के लिए हमने हर किसी से सहायता के लिए गुहार लगाई। त्साही हलेवी ने कहा कि इजराइल में आपातकाल जैसी स्थिति हो गई है।
तीसरा हिस्सा- भारतीय और इजराइली एंबेसी ने बहुत सहायता की
हमने हिंदुस्तान गवर्नमेंट द्वारा जारी की गई एडवाइजरी के जरिए भारतीय और इजराइली एंबेसी को काॅन्टैक्ट किया। उन्होंने हमसे महत्वपूर्ण गाइडलाइन्स शेयर कीं। लग रहा था कि फ्लाइट को कैंसिल कर दिया जाएगा। हमारे टेलीफोन की बैटरियां भी तेजी से समाप्त हो रही थीं और नेटवर्क भी डाउन हो रहा था।
हालांकि इस समय इजराइली को-एक्टर्स और होटल के लोगों ने हमारी बहुत सहायता की। इस बुरे समय में एक टैक्सी ड्राइवर ने भी बिना किसी स्वार्थ के हमारी सहायता जान पर खेलकर की। फिर इस घातक माहौल में हमने स्वयं को एयरपोर्ट तक पहुंचने के लिए तैयार किया।
चौथा हिस्सा- हिंदुस्तान सरकार, भारतीय एंबेसी और इजराइली एंबेसी की शुक्रगुजार हूं
तेल अवीव के होटल से एयरपोर्ट तक का यात्रा खतरे से भरा था। हालांकि इसके बावजूद हमने हौसला करके इस यात्रा की आरंभ की। रास्ते में कभी प्रार्थना की तो कभी रोए भी। एक दूसरे का साहस बढ़ाते हुए आगे बढ़ते गए। आखिरकार किसी तरह बेन गुरियन एयरपोर्ट पर पहुंच गए।
एयरपोर्ट पर एक सेकेंड भी रुकना किसी दर्द से कम नहीं था। लंबी मशक्कत के बाद हम फ्लाइट में बैठे और सुरक्षित हिंदुस्तान वापस लौट आए।
मैं ठीक सुरक्षित घर वापस आ गई हूं और परिवार के साथ सुरक्षित हूं। मैं अपनी टीम और मुझे सुरक्षित वापस लाने में हिंदुस्तान सरकार, भारतीय एंबेसी और इजराइली एंबेसी की शुक्रगुजार हूं। जिन लोगों ने मेरी सुरक्षा के लिए प्रार्थना की है, उन सभी का भी दिल से धन्यवाद देती हूं।