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अमित शाह लोकसभा में जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक और आरक्षण संशोधन विधेयकों की पेश

होम मिनिस्टर अमित शाह ने बुधवार को लोकसभा में जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन संशोधन विधेयक और आरक्षण संशोधन विधेयकों को पेश किया उन्होंने इस पर भाषण देते हुए कहा कि इन विधेयकों को स्वीकृति मिलने से जम्मू और कश्मीर की विधानसभा में विस्थापित कश्मीरी पंडितों को आरक्षण मिलेगा उन्होंने बोला कि तीन सीटों पर विधायक मनोनीत होंगे दो सीटें विस्थापित कश्मीरी पंडितों के लिए होंगी और एक सीट पीओके से आए विस्थापितों के लिए होगी कश्मीरी पंडितों के लिए तय दो सीटों में से एक स्त्री के लिए होगी

अमित शाह इस दौरान आक्रामक अंदाज में नजर आए उन्होंने बोला कि कश्मीर में जब आतंकवाद चालू हुआ तो किसी ने आज तक कुछ नहीं किया था लेकिन उन पीड़ितों के लिए आज पीएम नरेंद्र मोदी ने इन्साफ करने की प्रयास की है उन लोगों की पीड़ा की हम कल्पना नहीं कर सकते, जिनका कश्मीर से पलायन हुआ और करोड़ों की संपत्ति छोड़कर वे बेंगलुरु, दिल्ली और हैदराबाद तक जाकर बसे उनकी संपत्तियों पर कब्जे हो गए इसे छुड़ाने के लिए हमने कानून बनाया ताकि उन्हें वापस अपनी संपत्ति मिल सके विधानसभा में आरक्षण की जानकारी देते हुए अमित शाह ने बोला कि जम्मू में पहले 37 सीटें थीं और अब उन्हें बढ़ाकर 43 कर दिया है

जम्मू की बढ़ गईं सीटें, पंडितों के लिए आरक्षण लागू

इसके अतिरिक्त कश्मीर में पहले 46 थीं, जो अब 47 हो गई हैं इसके अतिरिक्त पीओके की 24 सीटों को भी आरक्षित रखा गया है अमित शाह ने बोला कि यह सब इसलिए हो सका है कि हमने आर्टिकल 370 को हटा दिया अमित शाह ने बोला कि कई लोगों ने पूछा कि विस्थापितों को आरक्षण देने से क्या होगा? उन्होंने बोला कि इससे उनकी आवाज सुनी जाएगी और वे विधानसभा में अपनी बात रख सकेंगे अमित शाह ने बोला कि सीटों का यह परिसीमन जनसंख्या और क्षेत्र के आधार पर होगा अब जम्मू और कश्मीर विधानसभा में कुल सीटें 114 होंगी, इनमें से 90 पर चुनाव होगा अन्य 24 सीटें पीओके के लिए होंगी

तीन जंगों में विस्थापित लाखों लोगों को मिली मदद

2019 में आर्टिकल 370 हटने के बाद से अब तक हुए बदलावों की जानकारी भी अमित शाह ने दी उन्होंने बोला कि 1.6 लाख लोगों को कश्मीर में स्थायी निवास प्रमाण पत्र भी हमने दिया इन लोगों के पास राज्य में दशकों से रहने के बाद भी नागरिकता नहीं मिली थी उन्होंने इस दौरान राहुल गांधी पर तंज कसते हुए बोला कि इंग्लैंड में छुट्टी मनाकर आप कश्मीर के हालात नहीं जान सकते अमित शाह ने बोला कि पीएम नरेंद्र मोदी पिछड़ों का दर्द जानते हैं कश्मीर के लिए तीन युद्ध हुए 1947 में पाक ने कबायलियों के नाम से धावा किया, इसमें 37 हजार परिवार पीओके से आकर जम्मू और कश्मीर में बसे थे इनमें से 26 हजार परिवार जम्मू और कश्मीर में रहे और बाकी लोग राष्ट्र के अन्य हिस्सों में चले गए फिर 1965 में भी 10 हजार से अधिक परिवार विस्थापित हुए कुल तीन जंगों में 48 हजार परिवार परेशान हुए

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