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सुखविंदर सिंह ने राम गोपाल वर्मा के दावों का किया खंडन, बताई ‘जय हो…

बॉलीवुड के कई ऐसे गाने हैं जिन्होंने इतिहास रच दिया है. एक ऐसा ही गाना है ‘जय हो…’. बीते दिनों इस बात को लेकर लंबी बहस छिड़ी थी कि ‘जय हो…’ की रचना किसने की? किसी ने कभी नहीं सोचा था कि ऐसी बहस होगी, जबकि उस्ताद एआर रहमान को हमेशा इस गाने के लिए श्रेय दिया जाता रहा है. लेकिन हाल ही में एक साक्षात्कार में फिल्म निर्माता राम गोपाल वर्मा के एक सनसनीखेज दावों ने इंटरनेट को भी कंफ्यूज कर दिया है. उन्होंने बोला कि गायक सुखविंदर सिंह, जिन्होंने जय हो भी गाया है और इसके धुन भी कंपोज किए हैं. इसके बाद भी रहमान को इसका क्रेडिट दिया जा रहा है. ऐसे में स्वयं सुखविंदर सिंह ने सामने आकर इस पूरे मुद्दे का सच कहा है. सुखविंदर ने राम गोपाल वर्मा के बयान का खंडन किया है.

शायद उन्हें कुछ गलत पता चला होगा

गायक सुखविंदर सिंह ने एचटी सिटी को दिए साक्षात्कार में फिल्म निर्माता राम गोपाल वर्मा के सभी दावों का खंडन किया है कि उन्होंने स्लमडॉग मिलियनेयर से जय हो की रचना की है. सुखविंदर ने कहा, ‘एआर रहमान ने उस गीत की रचना की है, मैंने इसे सिर्फ़ गाया है. राम गोपाल वर्मा जी कोई छोटी शख़्सियत तो नहीं है, शायद उन्हें कुछ गलत पता चला होगा.‘ इसके बाद सुखविंदर ने कहा, ‘गुलज़ार साहब ने यह गाना लिखा था, रहमान को यह पसंद आया. फिर उन्होंने मुंबई के जुहू स्थित मेरे स्टूडियो में इसे कंपोज किया. उन्होंने इसे सुभाष जी को सुनवाया. मैंने उस समय तक गाना नहीं गाया था.

 किरदार पर फिट नहीं बैठ रहा था गाना

इसके बाद सुखविंदर ने बताया, ‘सुभाष घई ने गाने की प्रशंसा करते हुए कहते हैं, वह इसे अपनी फिल्म के लिए नहीं चाहते थे. क्योंकि वो जिस भूमिका के लिए इस गाने को चाहते थे ये उसपर फिट नहीं बैठ रहा था. वो एक शरारती भूमिका था जिसके लिए वो एक अलग गाना चाहते थे. उन्होंने रहमान से बल देकर बोला कि ये एक अच्छा गाना है. इस पर मैंने भी कहा, ‘थोड़ा बदल दो’, लेकिन सुभाष जी ने बोला कि पूरा गाना ही अलग चाहिए. फिर वह चले गए, रहमान चले गए. मैंने गुलज़ार साहब से 10-15 मिनट रुकने का निवेदन किया. मैंने उन्हें बोला कि आपने इस गाने को लिखा है तो कोई बात नहीं एक बार मुझे इसे गाने की प्रयास करने दीजिए. इसके बाद मैंने इसे नाचते कूदते हुए गा दिया. ये वहीं ‘जय हो…’ गाना है जिसे आप सुनते हैं. इसके बाद मैंने इसे रहमान साहब को भेजा, जिन्होंने इसे स्लमडॉग मिलियनेयर के निर्देशक को भी सुनाया उन्होंने अपना वादा निभाया और युवराज के लिए सुभाष जी को एक और गाना दिया.

 

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