लेटैस्ट न्यूज़

सुकमा में गर्मी बढ़ने से सर्दी-खांसी, बुखार के साथ डिहाइड्रेशन की बढ़ रही समस्या

दोरनापाल इन दिनों लगातार बढ़ रही गर्मी से जहां लोग हलाकान हैं, वहीं इसका स्वास्थ्य पर भी उल्टा असर पड़ रहा है. दिन में 11 बजे के बाद लोगों को घर से बाहर निकलने में तेज धूप और गर्मी झेलनी पड़ रही है. गर्म हवा के थपेड़ों से लू जैसे हालात बनते दिखने लगे हैं. इधर गर्मी बढ़ने से सर्दी-खांसी, बुखार के साथ ही डिहाइड्रेशन की परेशानी भी बढ़ने लगी है. डॉक्टरों ने गर्मी से बचने के तरीका जरूरी रूप से करने लोगों को राय दी है. रविवार को भी कमोबेश यही हालात रहे. सुबह से ही चिलचिलाती धूप ने लोगों को बेहाल किया. गर्मी के कारण क्षेत्र में लोग घरों से बाहर ही नहीं निकल पा रहे हैं.

रविवार को सुकमा जिले में अधिकतम तापमान 42 डिग्री रिकॉर्ड किया गया है. दिनभर भयंकर गर्मी होने के बाद शाम होने के साथ ही उमस से भी लोग खासे परेशान हैं. सुबह 10 बजे से ही तेज धूप लग रही है. ऐसे में डिहाइड्रेशन की कम्पलेन प्रारम्भ होने लगी है. स्वास्थ्य विभाग ने निर्देश जारी करते हुए गर्मी के प्रकोप से बचने के लिए खाली पेट न रहने की राय दी है. सीएमएचओ के अनुसार शरीर में पोटेशियम और सोडियम की कमी से थर्मोस्टेट सिस्टम बिगड़ जाता है. आयुष चिकित्सा अधिकारी डाक्टर वेदप्रकाश साहू ने कहा कि हीट स्ट्रोक से बचने तेज धूप में लोगों को निकलने से बचना चाहिए. बहुत अधिक महत्वपूर्ण हो तो सिर पर गीला तौलिया डालकर निकलना चाहिए. वहीं गर्मी में सूती कपड़े पहनने के साथ ही घर से निकलते समय पानी की बोतल साथ लेकर चलने की राय डॉक्टरों ने दी है. बेहोशी में बर्फ की पट्‌टी करनी चाहिए. डिहाइड्रेशन से बचने ग्लूकोज, नींबू पानी या ओआरएस लगातार पीना चाहिए. प्रयास की जानी चाहिए कि थोड़ी-थोड़ी देर में पानी पीते रहें. संभव हो तो तेज धूप में निकलने से बचना चाहिए. गर्म हवाओं से बचने चेहरा, कान और नाक को ढंककर रखा जाए. डॉक्टरों ने कहा कि तेज धूप में देर तक चलने या रहने के कारण चक्कर आने, जी मिचलाने, बेचैनी, दस्त और तेज बुखार और बेहोशी हीट स्ट्रोक के मुख्य लक्षण हैं. ऐसे में तेज धूप या अधिक गर्मी में शराब का सेवन, बीपी या बवासीर की दवाओं के अत्यधिक सेवन से भी हीट स्ट्रोक हो सकता है.

Related Articles

Back to top button