ऊंची ब्याज दरों के कारण घट सकती है वाहनों की बिक्री
2023 के दौरान रिकॉर्ड बिक्री दर्ज करने वाले गाड़ी निर्माताओं ने इस वर्ष वृद्धि के मुद्दे में उच्च ब्याज दरों पर चिंता व्यक्त की है। मारुति सुजुकी इण्डिया के वरिष्ठ कार्यकारी अधिकारी (विपणन एवं बिक्री) शशांक श्रीवास्तव का बोलना है कि यदि निकट भविष्य में रेपो रेट में कटौती की गई तो गाड़ी कर्ज और महंगा हो सकता है। यदि ऐसा हुआ तो इसका सीधा असर यात्री वाहनों (पीवी) की बिक्री पर पड़ेगा। उन्होंने बोला कि 2023 के दौरान रिकॉर्ड 41.08 लाख यात्री गाड़ी बेचे गए हैं। महंगी ब्याज दरों पर ऊंचे आधार के कारण 2024 में यात्री गाड़ी उद्योग की बिक्री वृद्धि एकल अंक में रह सकती है।
श्रीवास्तव ने बोला कि ऑटो उद्योग की वृद्धि काफी हद तक समग्र अर्थव्यवस्था की वृद्धि पर निर्भर है। इस वर्ष हिंदुस्तान की विकास रेट 6-6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है। दोनों के बीच कनेक्शन अधिक है तो ये एक सकारात्मक पहलू है। उन्होंने बोला कि हम बहुत ऊंचे आधार पर पहुंच गये हैं। इस आधार पर लगातार वृद्धि हासिल करना मुश्किल है। 2021 में ग्रोथ करीब 27 प्रतिशत रही, 2022 में 23 प्रतिशत रही। 2023 में यह 8.3 प्रतिशत है। इसलिए अनुमान है कि 2024 में विकास रेट एकल अंक में रहेगी।
इसी तरह, रेटिंग एजेंसी इण्डिया रेटिंग्स एंड रिसर्च के मुख्य अर्थशास्त्री देविंदर पंत का बोलना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था उपभोग में हल्की वृद्धि की चुनौती का सामना कर रही है। इसका मुख्य कारण यह है कि उच्च मुद्रास्फीति निम्न आय वर्ग को प्रभावित कर रही है। मुद्रास्फीति में एक फीसदी की कमी से सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 0.64 फीसदी की वृद्धि होगी या पर्सनल उपभोग व्यय (पीएफसीई) में 1.12 फीसदी अंक की वृद्धि होगी।
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