दस वर्षों में कम से कम 25 करोड़ लोगों को गरीबी से मुक्ति दिलाने में की गई सहायता : सीतारमण
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को बोला कि गवर्नमेंट गरीबों को सशक्त बनाने में विश्वास करती है और दस सालों में कम से कम 25 करोड़ लोगों को बहुआयामी गरीबी से मुक्ति दिलाने में सहायता की गई है।
सीतारमण ने बोला कि गरीब, महिला, युवा और किसानों की आकांक्षाओं और जरूरतों को पूरा करना गवर्नमेंट की सर्वोच्च अहमियत है।
वित्त मंत्री ने लोकसभा में 2024 का अंतरिम बजट पेश करते हुए कहा, जब गरीब विकास प्रक्रिया में सशक्त भागीदार बन जाते हैं, तो उनकी सहायता करने की गवर्नमेंट की शक्ति भी कई गुना बढ़ जाती है।
उन्होंने बोला कि पीएम जन धन खातों का इस्तेमाल करके 34 लाख करोड़ रुपये के प्रत्यक्ष फायदा हस्तांतरण (डीबीटी) से गवर्नमेंट को 2.7 लाख करोड़ रुपये की बचत हुई है, इससे गरीबों के कल्याण को बल मिला है।
सीतारमण ने बोला कि पीएम स्वनिधि योजना के अनुसार 78 लाख रेहड़ी-पटरी वालों को कर्ज सहायता दी गई, जबकि पीएम विश्वकर्मा योजना के अनुसार कारीगरों और शिल्पकारों को अंत तक सहायता दी गई।
उन्होंने कहा, ‘पीएम किसान सम्मान योजना के अनुसार हर वर्ष सीमांत और छोटे किसानों सहित 11.8 करोड़ किसानों को सीधी नकद सहायता दी गई।’
उन्होंने बोला कि गरीब कल्याण, राष्ट्र का कल्याण (गरीबों का कल्याण ही राष्ट्र का कल्याण है) और राष्ट्र तब प्रगति करता है, जब वे (गरीब) प्रगति करते हैं।
गुरुवार को अंतरिम बजट पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की सहमति मिलने के बाद वित्त मंत्री अपने दो राज्यमंत्रियों के साथ संसद भवन पहुंचीं, जहां प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में अंतरिम बजट को स्वीकृति दे दी गई।
यह मोदी गवर्नमेंट के दूसरे कार्यकाल का अंतिम बजट है।
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