भारत की पहली इलेक्ट्रिक कार ‘लवबर्ड’, 30 साल पहले हुआ था निर्माण, जानें
लवबर्ड को 1993 में एड्डी इलेक्ट्रिक द्वारा बनाया गया था। यह एक दो सीटर कार थी जिसकी अधिकतम रेंज 60 किलोमीटर थी। यह एक व्यावसायिक कामयाबी नहीं थी, और कुछ सालों के बाद उत्पादन बंद कर दिया गया था।
1993 में लवबर्ड हुई थी लॉन्च
लवबर्ड का निर्माण एड्डी करंट कंट्रोल्स (इंडिया) द्वारा टोक्यो, जापान से यास्कावा इलेक्ट्रिक मैन्युफैक्चरिंग कंपनी के योगदान से किया गया था। विनिर्माण केरल के चालाकुडी और कोयंबटूर, तमिलनाडु में किया गया था। लवबर्ड वास्तव में एक 2-सीटर इलेक्ट्रिक कार थी जो डीसी इलेक्ट्रिक मोटर का इस्तेमाल करती थी। मोटर ने रिचार्जेबल बैटरी पैक से बिजली ली जो पोर्टेबल भी थी।
लवबर्ड की विफलता के कई कारण थे:
लवबर्ड की विफलता के कई कारण हैं। एक कारण यह है कि तकनीक आज की तरह उन्नत नहीं थी। कार की बैटरी को चार्ज होने में लंबा समय लगता था और इसकी सीमा सीमित थी। इसके अतिरिक्त, उस समय बहुत सारे चार्जिंग स्टेशन मौजूद नहीं थे। नाही बिजली का आवागमन पूरी तरह से सुचारु था।
इलेक्ट्रिक टेक्नॉलॉजी की कम जानकारी
लवबर्ड की विफलता का एक अन्य कारण यह है कि लोग आज की तरह इलेक्ट्रिक कारों से परिचित नहीं थे। तकनीक के बारे में बहुत सारी शंका थी, और लोगों को इलेक्ट्रिक कारों की लागत और विश्वसनीयता की चिंता थी।
‘लवबर्ड’ ने राष्ट्र में इलेक्ट्रिक कारों की आसार बनाई
अपनी विफलता के बावजूद, लवबर्ड हिंदुस्तान में इलेक्ट्रिक कारों के विकास में एक जरूरी मील का पत्थर था। यह दिखाया कि राष्ट्र में इलेक्ट्रिक कार बनाना संभव था, और इसने भविष्य के इलेक्ट्रिक कार विकास के लिए मार्ग प्रशस्त किया।
‘लवबर्ड’ के बारे में कुछ अतिरिक्त जानकारी :
- इसे एड्डी करंट कंट्रोल्स (इंडिया) द्वारा टोक्यो, जापान से यास्कावा इलेक्ट्रिक मैन्युफैक्चरिंग कंपनी के योगदान से बनाया गया था।
- विनिर्माण केरल के चालाकुडी और कोयंबटूर, तमिलनाडु में किया गया था।
- लवबर्ड में एक डीसी इलेक्ट्रिक मोटर और एक लीड-एसिड बैटरी पैक था।
- कार में एक 4-स्पीड ट्रांसमिशन और रिवर्स गियर था।
लवबर्ड हिंदुस्तान में इलेक्ट्रिक कारों के विकास की आरंभ का प्रतीक है। आज, राष्ट्र में कई इलेक्ट्रिक कार विकल्प मौजूद हैं, और बाजार तेजी से बढ़ रहा है। लवबर्ड ने इस विकास में एक जरूरी किरदार निभाई है।