Income Tax Budget 2024: क्या सरकार इनकम टैक्स भरने वालों को बजट में देगी राहत
Income Tax: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की तरफ से कुछ ही देर में अंतरिम बजट 2024-25 पेश किया जाने वाला है. इस बजट में नए वित्तीय साल के शुरुआती तीन महीने का बजट शामिल किया जाएगा. लोकसभा चुनाव का वर्ष होने के कारण यह बजट नयी गवर्नमेंट के गठन तक वैध रहेगा. इस बजट को लेकर टैक्स पेयर्स को काफी उम्मीदें हैं. पिछले अंतरिम 2019 बजट में भी गवर्नमेंट की तरफ से टैक्स पेयर्स को काफी राहत दी गई थी. उसी को देखते हुए इस बार भी उम्मीदें अपने चरम पर हैं. वित्त मंत्री टैक्सपेयर्स के लिए क्या घोषणा करेंगी, यह तो बजट भाषण के बाद ही स्पष्ट होगा. आइए जानते हैं नौकरीपेशा वर्ग की उम्मीदों के बारे में-
80सी के अनुसार छूट की सीमा बढ़ेगी?
अंतरिम बजट 2024 में टैक्स छूट में बढ़ोतरी की आशा को पंख लग सकते हैं. गवर्नमेंट की तरफ से 80सी के अनुसार डेढ़ लाख रुपये की लिमिट को बढ़ाकर ढाई लाख रुपये तक किया जा सकता है. इसके अनुसार आप पीपीएफ, ईपीएफ, ईएलएसएस, एनपीएस, सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम, सुकन्या समृद्धि योजना, नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट और 5 वर्ष की एफडी में निवेश कर टैक्स बेनिफिट ले सकते हैं.
टैक्स स्लैब में परिवर्तन की उम्मीद
न्यू टैक्स रिजीम में 15 लाख रुपये से ज्यादा की आमदनी पर 30 फीसदी का टैक्स है. दूसरी तरफ ओल्ड टैक्स रिजीम में 10 लाख रुपये से ज्यादा की आमदनी पर 30 फीसदी टैक्स है. ऐसी आशा की जा रही है कि न्यू टैक्स रिजीम में 30 फीसदी टैक्स का ब्रेकिट 15 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये किया जा सकता है.
एनपीएस लिमिट में बदलाव
इंश्योरेंस सेक्टर को भी बजट से काफी आशा है. आने वाले दशक में जनसंख्या का बड़ा हिस्सा रिटायरमेंट के करीब पहुंच रहा है. ऐसे में इस बजट में पेंशन कैटेगेरी में प्रोत्साहन देने की आशा की जा रही है. इस बार के बजट में गवर्नमेंट एनपीएस के अनुसार 50000 रुपये से ज्यादा के निवेश को टैक्स फ्री करने का घोषणा कर सकती है. इससे सेविंग को भी बढ़ावा मिलेगा.
80TTA के अनुसार छूट सीमा बढ़ेगी?
टैक्सपेयर्स की तरफ से लगातार सेक्शन 80TTA के अनुसार छूट सीमा में परिवर्तन की आशा की जा रही है. यह फिलहाल 10,000 रुपये है. सेक्शन 80TTA सेविंग एकाउंट से मिलने वाले ब्याज पर 10,000 रुपये छूट प्रदान की जाती है. जानकारों का बोलना है कि महंगाई के मद्देनजर इस पर दोबारा सोचने की आवश्यकता है. ऐसे में आशा की जा रही है कि गवर्नमेंट सेविंग एकाउंट पर मिलने वाले ब्याज की टैक्स छूट की लिमिट बढ़ा सकती है.
डिडक्शन लिमिट बढ़ना
सेक्शन 80D के अनुसार मिलने वाले हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम के कवर में भी इस बार परिवर्तन किये जाने की आशा है. इसके अतिरिक्त मीडियम क्लॉस के टैक्सपेयर्स को राहत देने के लिए सेक्शन 80C के अनुसार कटौती सीमा बढ़ाने के बारे में विचार किया जा सकता है. सेक्शन 80सी के अनुसार कटौती की राशि अब से पहले 2014-15 में बदली गई थी. इसकी लिमिट 1.5 लाख रुपये है, जो कि काफी कम है. इसमें परिवर्तन की मांग लंबे समय से हो रही है. इसी तरह स्टैंडर्ड डिडक्शन को भी 50000 रुपये से बढ़ाने की मांग है. सेविंग एकाउंट पर मिलने वाले ब्याज की छूट सीमा को 10000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये किया जा सकता है.
न्यू टैक्स रिजीम में बदलाव
ओल्ड टैक्स रिजीम के अनुसार किसी आदमी को मौजूद कटौतियां जैसे हेल्थ इंश्योरेंस पेमेंट की कटौती और एनपीएस के लिए कर्मचारी सहयोग को न्यू टैक्स रिजीम में भी बढ़ाया जाना चाहिए. इससे स्वास्थ्य देखभाल तक एक समान पहुंच को बढ़ावा दिया जा सकेगा औा बचत और निवेश को प्रोत्साहित किया जा सकेगा.
होम लोन के ब्याज पर ज्यादा छूट
कब्जे वाली संपत्ति के विरुद्ध कटौती का दावा करने की लिमिट 2 लाख रुपये है. फ्लैट की एवरेज कॉस्ट और होम लोन के साइज को देखते हुए इस लिमिट को बढ़ाकर 3 लाख रुपये करना चाहिए. अब देखना होगा कि वित्त मंत्री सैलरीड क्लॉस की किन उम्मीदों पर खरा उतरती हैं? ऊपर बताए गए तरीकों को यदि लागू किया जाता है तो सैलरीड क्लॉस को बड़ी राहत मिल सकती है.
डिडक्शन लिमिट बढ़ना
सेक्शन 80D के अनुसार मिलने वाले हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम के कवर में भी इस बार परिवर्तन किये जाने की आशा है. जानकारों का बोलना है मेडिकल सुविधाएं महंगी होने से इंश्योरेंस का प्रीमियम भी बढ़ गया है. इसके अनुसार अभी 25000 रुपये तक की छूट मिलती है. वहीं, सीनियर सिटीजन के इंश्योरेंस पर 50000 रुपये तक की छूट है. बजट में इस पर भी घोषणा हो सकता है.