DoT ने टेलीकॉम कंपनियों को डेटा लीक के लिए सिक्योरिटी ऑडिट के दिए आदेश
Telecom Users Data Leak In India: दूरसंचार विभाग (DoT) ने टेलीकॉम कंपनियों को 7.5 करोड़ यूजर्स के डेटा लीक के लिए सिक्योरिटी ऑडिट के आदेश दिए हैं। साइबर सिक्योरिटी फर्म CloudSEK ने दावा किया है कि राष्ट्र के 750 मिलियन यानी 7.5 करोड़ टेलीकॉम यूजर्स का डेटा लीक हुआ है। सिक्योरिटी फर्म के रिसर्चर्स ने पिछले हफ्ते 23 जनवरी को इस डेटा लीक का पता लगाया है। रिसर्चर्स ने पाया कि हैकर्स इन 7.5 करोड़ भारतीय यूजर्स का डेटा, जिसकी कुल साइज 1.8TB है डार्क वेब पर बेच रहे थे।
इंटरनल ऑडिट का आदेश
हालांकि, हैकर्स ने इसमें किसी तरह के डेटा ब्रीच को नकार दिया है। CloudSEK के मुताबिक, हैकर्स ने कहा कि उन्हें यह डेटा अन्य सोर्स से प्राप्त हुआ है। साइबर रिसर्च फर्म के दावे के बाद दूरसंचार विभाग (DoT) ने टेलीकॉम कंपनियों को अपने इंटरनल सिस्टम के ऑडिट का आदेश दिया है। ET टेलीकॉम की रिपोर्ट के मुताबिक, दूरसंचार विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सभी टेलीकॉम कंपनियों को इंटरनल सिक्योरिटी ऑडिट करने के लिए बोला है।
टेलीकॉम कंपनियों का बोलना है कि सिक्योरिटी फर्म CloudSEK द्वारा किए जाने वाले दावे में उपस्थित डेटा पुराने टेलीकॉम सब्सक्राइबर्स का हो सकता है, जो किसी डेटा ब्रीच की वजह से नहीं प्राप्त हुआ है। बता दें CloudSEK साइबर सिक्योरिटी फर्म सरकारी साइबर सिक्योरिटी एजेंसी CERT-In के साथ मिलकर काम करती है। सिक्योरिटी फर्म को 23 जनवरी को इस कथित डेटा लीक के बारे में पता चला, जिसके बाद संबंधित विभाग को इसके बारे में सूचित किया गया।
बड़े साइबर अटैक का खतरा
CloudSEK ने कहा कि मोबाइल नेटवर्क सबस्क्राइबर्स का यह डेटा साइबर अपराधियों के हाथ लगने से बड़े साइबर अटैक की घटना सामने आ सकती है। इस डेटा में यूजर्स को नाम के अतिरिक्त मोबाइल नंबर, आधार कार्ड नंबर, पता आदि की जानकारी शामिल है। सिक्योरिटी फर्म का बोलना है कि लीक हुए डेटा में उपस्थित आधार नंबर और मोबाइल नंबर को वेरिफाइड कर लिया गया है। इस डेटा लीक की वजह से करोड़ों लोगों की डिजिटल पहचान चोरी हो सकती है।