सेंसेक्स 906 और निफ्टी 338 अंक टूटा, इन कंपनियों के शेयर में आई गिरावट
Share Market Update: भारतीय शेयर बाजार में बुधवार को बड़ी गिरावट आई और बीएसई सेंसेक्स 900 अंक से ज्यादा का गोता लगातार 73,000 अंक के नीचे आ गया। छोटी और मीडियम आकार वाली कंपनियों के शेयर में गिरावट और चौतरफा बिकवाली से बाजार लाल निशान के साथ बंद हुआ। जानकारों का बोलना है कि पावर और मेटल शेयरों में हानि और विदेशी निवेशकों की बिकवाली से बाजार नीचे आया है। बाजार में प्रमुख सूचकांक, सेंसेक्स और निफ्टी की आरंभ आज सुबह बढ़त के साथ हुई थी। लेकिन दोपहर के कारोबार में बिकवाली के दबाव से सभी सूचकांक हानि में रहे।
इन शेयरों में आई गिरावट
कारोबारी सत्र के अंत में 30 शेयर पर आधारित सेंसेक्स 906.07 अंक गिरकर 72,761.89 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 1,152.25 अंक तक लुढ़क गया था। 50 शेयरों पर बेस्ड नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 338 अंक की गिरावट के साथ 21,997.70 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स के शेयरों में पावर ग्रिड में सबसे ज्यादा 7 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई। इसके अतिरिक्त एनटीपीसी, टाटा स्टील, टाटा मोटर्स, जेएसडब्ल्यू स्टील, भारती एयरटेल, टाइटन, रिलायंस इंडस्ट्रीज और हिंदुस्तान यूनिलीवर भी हानि में रहे।
इन शेयरों में रही तेजी
बाजार की गिरावट के बीच जो शेयर आज लाभ में रहे उनमें आईटीसी, आईसीआईसीआई बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, नेस्ले, बजाज फाइनेंस और एचडीएफसी बैंक शामिल हैं। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के रिसर्च हेड विनोद नायर ने कहा, ग्लोबल बाजार में तेजी के रुख के उलट छोटी कंपनियों के शेयरों में बिकवाली से बाजार में गिरावट आई है। इस दौरान बीएसई ‘स्मॉलकैप’ सूचकांक 5.11 प्रतिशत और ‘मिडकैप’ सूचकांक 4.20 फीसदी नीचे आया। दक्षिण कोरिया का कॉस्पी फायदा में जबकि जापान का निक्की, चीन का शंघाई कम्पोजिट और हांगकांग का हैंगसेंग हानि में रहे।
यूरोप के प्रमुख बाजारों में शुरुआती कारोबार में तेजी का रुख रहा। अमेरिकी बाजार में मंगलवार को तेजी थी। शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों ने मंगलवार को 73.12 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर खरीदे। इस बीच, अंतरराष्ट्रीय ऑयल मानक ब्रेंट क्रूड 1.09 फीसदी चढ़कर 82.81 $ प्रति बैरल पर रहा। विनिर्माण, खनन और बिजली क्षेत्रों के खराब प्रदर्शन की वजह से राष्ट्र की औद्योगिक उत्पादन वृद्धि इस वर्ष जनवरी में धीमी पड़कर 3.8 फीसदी रही।