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रिलायंस का मार्केट-कैप ₹81,763 करोड़ गिरा, TCS की वैल्यू बढ़ी ₹38,858 करोड़

मार्केट कैपिटलाइजेशन के लिहाज से राष्ट्र की सबसे बड़ी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज का बाजार कैप पिछले सप्ताह ₹81,763 करोड़ गिरा है अब कंपनी का बाजार कैप ₹19.20 लाख करोड़ रह गया है एक सप्ताह पहले यह ₹20.01 लाख करोड़ था

देश की टॉप-10 कंपनियों में से 5 की वैल्यूएशन में इस दौरान कंबाइन रूप से ₹2,23,660 करोड़ की गिरावट आई है रिलायंस के अतिरिक्त लाइफ इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन ऑफ इण्डिया (LIC) और स्टेट बैंक ऑफ इण्डिया (SBI) बाजार के टॉप-3 लूजर रहे हैं इनकी वैल्यू 63,629 करोड़ रुपए और 50,112 करोड़ रुपए बढ़ी है

वहीं, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) का मार्केट-कैप ₹38,858 करोड़ बढ़कर ₹15.26 लाख करोड़ हो गया है इसके अतिरिक्त भारती एयरटेल ने अपने बाजार कैप में 11,977 करोड़ रुपए जोड़ा है अब कंपनी की बैल्यू 6.89 लाख करोड़ रुपए हो गई है

पिछले सप्ताह 1,475 अंक गिरा था शेयर बाजार
हफ्ते के अंतिम व्यवसायी दिन यानी 15 मार्च को शेयर बाजार में गिरावट देखने को मिली थी सेंसेक्स 453 अंक की गिरावट के साथ 72,643 के स्तर पर बंद हुआ वहीं, निफ्टी में भी 123 अंक की गिरावट रही, ये 22,023 के स्तर पर बंद हुआ

सेंसेक्स के 30 शेयरों में से 24 में गिरावट और 5 में तेजी देखने को मिली थी ऑयल एंड गैस सेक्टर में सबसे अधिक 1.98% की गिरावट देखने को मिली पिछले हफ्ते, सेंसेक्स में 1,475.96 अंक या 1.99% की गिरावट रही थी

निफ्टी ऑयल एंड गैस में सबसे अधिक 1.98% की गिरावट रही
NSE के सेक्टोरल इंडेक्स की बात करें तो निफ्टी ऑयल एंड गैस में सबसे अधिक 1.98% की गिरावट देखने को मिली वहीं,निफ्टी ऑटो में 1.57%, निफ्टी IT में 0.47% और निफ्टी बैंक में -0.47% की गिरावट रही जबकि,निफ्टी FMCG में 0.02% और निफ्टी मेटल में 0.03% की तेजी रही

मार्केट कैपिटलाइजेशन क्या होता है?
मार्केट कैप किसी भी कंपनी के टोटल आउटस्टैंडिंग शेयरों यानी वे सभी शेयर, जो अभी उसके शेयरहोल्डर्स के पास हैं, की वैल्यू है इसका कैलकुलेशन कंपनी के जारी शेयरों की टोटस नंबर को स्टॉक की प्राइस से गुणा करके किया जाता है

मार्केट कैप का इस्तेमाल कंपनियों के शेयरों को कैटेगराइज करने के लिए किया जाता है ताकि निवेशकों को उनके रिस्क प्रोफाइल के मुताबिक उन्हें चुनने में सहायता मिले जैसे लार्ज कैप, मिड कैप और स्मॉल कैप कंपनियां

मार्केट कैप = (आउटस्टैंडिंग शेयरों की संख्या) x (शेयरों की कीमत)

मार्केट कैप कैसे काम आता है?
किसी कंपनी के शेयर में फायदा मिलेगा या नहीं इसका अनुमान कई फैक्टर्स को देख कर लगाया जाता है इनमें से एक फैक्टर बाजार कैप भी होता है निवेशक बाजार कैप को देखकर पता लगा सकते हैं कि कंपनी कितनी बड़ी है

कंपनी का बाजार कैप जितना अधिक होता है उसे उतनी ही अच्छी कंपनी माना जाता है डिमांड और सप्लाई के मुताबिक स्टॉक की कीमतें बढ़ती और घटती है इसलिए बाजार कैप उस कंपनी की पब्लिक पर्सीवड वैल्यू होती है

मार्केट कैप कैसे घटता-बढ़ता है?
मार्केट कैप के फॉर्मूले से साफ है कि कंपनी की जारी शेयरों की कुल संख्या को स्टॉक की मूल्य से गुणा करके इसे निकाला जाता है यानी यदि शेयर का रेट बढ़ेगा तो बाजार कैप भी बढ़ेगा और शेयर का रेट घटेगा तो बाजार कैप भी घटेगा

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