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भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में करीब 2.41 अरब डॉलर की आई गिरावट

Forex: हिंदुस्तान के विदेशी मुद्रा भंडार में करीब 2.41 अरब $ की गिरावट आ गई है आरबीआई (आरबीआई) की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, पिछले 26 अप्रैल 2024 को खत्म हफ्ते में 2.41 अरब $ घटकर 637.92 अरब $ रहा पिछले व्यवसायी हफ्ते में भी राष्ट्र का विदेशी मुद्रा भंडार 2.28 अरब $ घटकर 640.33 अरब $ रहा था यह कई हफ्ते की तेजी के बाद पांच अप्रैल को खत्म हफ्ते में 648.56 अरब $ के नये सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया था इससे पहले, सितंबर 2021 में विदेशी मुद्रा भंडार रिकॉर्ड 642.45 अरब $ पर पहुंच गया था

भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, 26 अप्रैल को खत्म हफ्ते में मुद्रा भंडार का अहम हिस्सा मानी जाने वाली विदेशी मुद्रा आस्तियां 1.16 अरब $ घटकर 559.70 अरब $ रही $ के संदर्भ में उल्लेखित विदेशी मुद्रा आस्तियों में विदेशी मुद्रा भंडार में रखे गए यूरो, पाउंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्राओं की घट-बढ़ का असर शामिल होता है

55.53 अरब $ का सोने का आरक्षित भंडार

रिजर्व बैंक ने बोला कि समीक्षाधीन हफ्ते के दौरान सोने का आरक्षित भंडार का मूल्य 1.27 अरब $ घटकर 55.53 अरब $ रहा रिजर्व बैंक ने बोला कि विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) 1.5 करोड़ $ बढ़कर 18.04 अरब $ हो गया रिजर्व बैंक के मुताबिक, समीक्षाधीन हफ्ते में अंतर्राष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) के पास हिंदुस्तान की आरक्षित जमा भी 80 लाख $ बढ़कर 4.64 अरब $ हो गई

किस काम आता है विदेश मुद्रा भंडार

विदेशी मुद्रा भंडार को एफएक्स रिजर्व या फॉरेक्स भी बोला जाता है यह केंद्रीय बैंक या अन्य मौद्रिक प्राधिकरण द्वारा रखी गई नकदी और सोना और चांदी जैसी अन्य आरक्षित संपत्तियां हैं, जो मुख्य रूप से राष्ट्र के भुगतान को संतुलित करने के लिए मौजूद हैं यह विदेशी विनिमय रेट को प्रभावित करता है सबसे बड़ी बात यह है कि इसी विदेशी मुद्रा भंडार से विदशों से आयात किया जाता है इसके अलावा, विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि निवेशकों में आत्मविश्वास और उत्साह को भी बढ़ाता है विदेशी मुद्रा भंडार बाहरी ऋण दायित्वों को पूरा करने में गवर्नमेंट की सहायता कर सकता है राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय आपदाओं की स्थिति में बेहतर ढंग से निपटने में विदेशी मुद्रा भंडार की कारगर किरदार हो सकती है

 

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