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गोफर्स्ट को खरीदने के लिए अजय सिंह ने बढ़ाई बोली

स्पाइसजेट के मैनेजिंग डायरेक्टर (MD) और चेयरमैन अजय सिंह के कंसोर्टियम ने बैंकरप्ट एयरलाइन गोफर्स्ट को खरीदने के लिए अपनी बोली बढ़ा दी है. रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, अजय सिंह के कंसोर्टियम में बिजी बी एयरवेज प्राइवेट लिमिटेड भी शामिल है.

बिड अमाउंट 100-150 करोड़ रुपए बढ़ाया
इस कंसोर्टियम ने अब गोफर्स्ट को खरीदने के लिए अपनी बोली राशि यानी बिड अमाउंट 100-150 करोड़ रुपए बढ़ा दी है. जिसके बाद इस कंसोर्टियम की बोली बढ़कर 1,700 से 1,750 करोड़ रुपए हो गई है.

स्पाइसजेट-बिजी बी ने 1,600 करोड़ की बोली लगाई थी
पिछले महीने फरवरी में स्पाइसजेट और बिजी बी एयरवेज ने साथ मिलकर नकदी संकट से जूझ रही एयरलाइंस गोफर्स्ट को खरीदने के लिए 1,600 करोड़ रुपए की बोली लगाई थी.

शारजाह बेस्ड स्काई वन ने भी लगाई थी बोली
तब स्पाइसजेट और बिजी बी के अतिरिक्त शारजाह बेस्ड स्काई वन ने भी बोली लगाई थी. यह फाइनेंशियल बिड्स गो फर्स्ट की बैंकरप्सी प्रोसेस का हिस्सा है. गो फर्स्ट ने पिछले वर्ष मई में बैंकरप्सी के लिए आवेदन किया था.

स्पाइसजेट ने बोला था कि अजय सिंह ने यह बोली अपनी पर्सनल कैपेसिटी से लगाई है. यदि डील हो जाती है तो स्पाइसजेट नयी एयरलाइन के ऑपरेशन में सहायता करेगी. यह महत्वपूर्ण स्टाफ, सर्विस और इंडस्ट्री एक्सपर्टिज प्रोवाइड करेगा.

बिडर्स को ऑफर को बढ़ाने के लिए बोला गया: बैंकर
गो फर्स्ट में एक्सपोजर रखने वाले सरकारी बैंक के एक बैंकर ने बताया, ‘दोनों ऑफर्स में बिड अमाउंट कमेटी ऑफ क्रेडिटर्स (CoC) की एक्सपेक्टेशंस से काफी कम थी और इसमें भारी कटौती भी शामिल होगी. यही कारण है कि दोनों बिडर्स को अपने ऑफर को बढ़ाने के लिए बोला गया था.

बैंकर ने बोला कि रेजोल्यूशन प्रोफेशनल के जरिए CoC स्काई वन के साथ वार्ता कर रही है. अजय सिंह और बिजी बी की कंबाइन बोली पर अगली CoC मीटिंग में चर्चा की जाएगी, जो अगले सप्ताह की आरंभ में होने की आसार है.

एयरलाइन पर लेंडर्स का 6,521 करोड़ रुपए बकाया
गो फर्स्ट पर अपने लेंडर्स का 6,521 करोड़ रुपए बकाया है. एक्यूइट रेटिंग्स एंड रिसर्च ने 19 जनवरी की रिपोर्ट में बोला था कि सेंट्रल बैंक ऑफ इण्डिया का सबसे अधिक 1,987 करोड़ रुपए का एक्सपोजर था. इसके बाद बैंक ऑफ बड़ौदा का 1,430 करोड़ रुपए, डॉयचे बैंक का 1,320 करोड़ रुपए और IDBI बैंक का 58 करोड़ रुपए बकाया था.

3 मई से बंद है गो फर्स्ट एयरलाइंस की फ्लाइट्स
गो फर्स्ट एयरलाइंस ने 2 मई को कहा था कि वो 3, 4 और 5 मई के लिए अपनी सभी फ्लाइट कैंसिल कर रही है. इसके बाद से गो फर्स्ट लगातार फ्लाइट्स सस्पेंड करने की डेट आगे बढ़ा रही है.

इंजन सप्लाई नहीं होने से बंद करने पड़े ऑपरेशन
एयरलाइन का दावा है कि वो इंजनों की सप्लाई नहीं होने से उसे अपने ऑपरेशन बंद करने पड़े हैं. अमेरिका के एयरक्राफ्ट इंजन मैन्युफैक्चरर प्रैट एंड व्हिटनी (PW) को गो फर्स्ट को इंजन की सप्लाई करनी थी, लेकिन उसने समय पर इसकी सप्लाई नहीं की. ऐसे में गो फर्स्ट को अपनी फ्लीट के आधे से अधिक एयरक्राफ्ट ग्राउंडेड करने पड़े. इससे उसे भारी हानि हुआ.

फ्लाइट नहीं उड़ने के कारण उसके पास कैश की कमी हो गई और फ्यूल भरने के लिए भी पैसे नहीं बचे. एयरलाइन के A20 नियो एयरक्राफ्ट में इन इंजनों का इस्तेमाल होता है. एयरलाइन के CEO कौशिक खोना का दावा है कि इंजन की खराबी से कंपनी को बीते तीन वर्ष में 1.1 बिलियन $ यानी करीब 8.9 हजार करोड़ रुपए का हानि हुआ है.

2005 में मुंबई से अहमदाबाद के लिए उड़ी थी पहली फ्लाइट
गो फर्स्ट वाडिया ग्रुप की बजट एयरलाइन है. कंपनी की वेबसाइट के मुताबिक 29 अप्रैल 2004 को गो फर्स्ट की आरंभ हुई थी. नवंबर 2005 में मुंबई से अहमदाबाद के लिए पहली फ्लाइट ऑपरेट की. एयरलाइन के बेड़े में 59 विमान शामिल हैं.

इनमें से 54 विमान A320 NEO और 5 विमान A320 CEO हैं. गो फर्स्ट 35 डेस्टिनेशन के लिए अपनी फ्लाइट ऑपरेट करता है. इसमें से 27 डोमेस्टिक और 8 इंटरनेशनल डेस्टिनेशन शामिल हैं. एयरलाइन ने वर्ष 2021 में अपने ब्रांड नाम को गोएयर से बदलकर गो फर्स्ट कर दिया था.

 

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