बिहार

UPSC! शख्स ने अपने बुरे हालात को अपनी ताकत बनाकर सफलता की एक ऐसी मिसाल…

 बांका : कामयाबी के लिए मुश्किल परिश्रम करना होता है लेकिन जब समय और हालात आपके अनुकूल नहीं हो, तब आदमी यह तय नहीं कर पता कि उसे कौन सी दिशा में जाना है लेकिन, बांका के एक शख्स ने अपने बुरे हालात को अपनी ताकत बनाकर कामयाबी की एक ऐसी मिसाल पेश की है कि अब वह कई युवाओं के लिए आदर्श बन गया है

यह कहानी है बांका जिले के अमरपुर प्रखंड के भीखनपुर गांव निवासी ओम नारायण शर्मा के पुत्र अपूर्व आनंद की, जिन्होंने यूपीएससी में 163 वां रैंक हासिल किया है अपूर्व ने इससे पहले आईआईटी की परीक्षा पास की, 32 लाख रुपए का पैकेज छोड़ घर आ गए थे

यूपीएससी की परीक्षा में हासिल की 163वीं रैंक
मंगलवार को भारतीय लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने रिज़ल्ट जारी कर दिया, जिसमें अमरपुर प्रखंड के भीखनपुर गांव के रहने वाले ओमप्रकाश नारायण शर्मा के पुत्र अपूर्व आनंद ने यूपीएससी में 163 वीं रैंक हासिल की अपूर्व ने कहा कि 2015 में ही पिता की मृत्यु हो गई थी उसके बाद का यात्रा सरल नहीं था उन्होंने कहा कि आईआईटी कानपुर से मैथ्स एंड कंप्यूटिंग में डिग्री हासिल करने के बाद बेंगलुरु के गोल्डमैन कंपनी में 32 लाख रुपए प्रतिवर्ष के पैकेज पर काम कर रहे थे लेकिन लॉकडाउन होने की वजह से वह घर लौट आए और उन्होंने अपनी जॉब छोड़ दी

अपूर्व आनंद ने कहा कि दो बार असफल होने के बाद पिछली गलतियों को सुधारते हुए नियमित 8 से 10 घंटे तक पढ़ाई प्रारंभ कर दिया तीसरे में कोशिश में यूपीएससी क्लीयर करने में कामयाबी मिली अपूर्व की मां शबनम शर्मा ने कहा कि बड़ी बहन नुपुर शर्मा मुंबई में नौकरी करती है वहीं छोटी बहन मधु शर्मा बैंक ऑफ अमेरिका में काम करती है

यूपीएसपी की औनलाइन तैयारी कर पाई सफलता
अपूर्व ने कहा कि पिता ओम नारायण शर्मा किसान रहने के बावजूद हमेशा कुछ बड़ा करने के लिए प्रेरित करते थे पढ़ाई में कभी किसी चीज की कमी नहीं आने दी पिता का सपना था कि कुछ बड़ा करें पिता की मृत्यु के बाद यह जुनून बन गया कि कुछ करना ही है इसके बाद कड़ी मेहनत का सिलसिला प्रारम्भ हो गया

 

आईआईटियन रह चुके हैं अपूर्व आनंद
अपूर्व ने कहा कि देवघर से पढ़ाई करने के बाद आईआईटी की तैयारी करने लगे इसमें कामयाबी मिली तो आईआईटी कानपुर में दाखिला मिल गया यहां से मैथ्स एंड कम्प्यूटिंग में डिग्री हासिल करने के बाद बेंगलुरु स्थित गोल्डमैन कंपनी में 32 लाख के सालाना पैकेज पर दो वर्ष तक काम किया लॉकडाउन में घर लौटना पड़ा इसके बाद यूपीएससी की तैयारी प्रारंभ कर दी

पिता की मृत्यु के बाद चाचा नारायण शर्मा ने काफी सहायता की 2021 से घर पर ही रहकर यूपीएससी की औनलाइन माध्यम से तैयारी प्रारम्भ कर दी तीसरे कोशिश में 163वी रैंक हासिल हुई उन्होंने कहा कि पिता हमेशा एक बात कहते थे कि आप जो भी करना चाहते हैं, उसे गंभीरता से लेकर कड़ी मेहनत करें ऐसा करने से कामयाबी जरूर मिलेगी पिता का यह मंत्र पढ़ाई के दौरान बहुत काम आया पिता की प्रेरणा और मां के त्याग से कामयाबी मिली है

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