बिहार

यहां पर लगने वाला है मछली पकड़ने पर प्रतिबंध, सामने आई ये बड़ी वजह

पिछले एक दशक से बिहार में मछली पालन का क्रेज काफी बढ़ा है. क्योंकि, कई ऐसी सरकारी योजनाएं हैं, जिसका सीधा लाभ किसानों तक पहुंच रहा है. मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने कई नियम भी बनाएं हैं. ताकि खुले जल स्रोतों में मछली पालन के साथ उत्पादकता को बरकरार रखा जा सके. इसी कड़ी में सरकार ने एक अहम निर्णय लिया है. सरकार ने 15 जून से 15 अगस्त मछली पकड़ने पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है. यह अवधि मछलियों के प्रजनन का समय होता है. इसके चलते सरकार ने यह निर्णय लिया है. प्रतिबंधित अवधि के दौरान नदियों के तट पर रहने वाले मछुआरों को जीवन-यापन के लिए सरकार आर्थिक मदद भी देगी.

तीन महीने तक मछली के शिकार पर लगेगा प्रतिबंध
दरभंगा जिले के मत्स्य पदाधिकारी अनुपम कुमार ने बताया कि केंद्र और राज्य के पशु व मत्स्य संसाधन विभाग ने तीन माह तक गरीब मछुआरों को मुआवजा देने का फैसला लिया है. मुआवजे के तौर पर प्रत्येक मछुआरा परिवार को मछली ना पकड़ने के एवज में 4500 रुपये देगी. उन्होंने बताया कि 15 जून से 15 अगस्त तक नदी और तालाबों में मछली मारने पर प्रतिबंध लगा रहेगा. ताकि मछलियों का प्रजनन दर प्रभावित ना हो. अगर इस वक्त मछुआरे मछलियों का शिकार करते हैं तो प्रजनन प्रभावित हो जाएगा. इससे नदियों में मछलियों की संख्या घट जाएगी. नदी से मछलियां घटेगी तो पानी में प्रदूषण लेवल तो बढ़ेगा ही, साथ ही उत्पादकता पर भी बुरा असर पड़ेगा. इसी वजह से प्रतिबंध लगाया गया है.

तीन किस्तों में दी जाती है राशि
दरभंगा जिला के मत्स्य पदाधिकारी अनुपम कुमार ने बताया कि वैसे मछुआरे जो बिल्कुल मछली का शिकार करने पर ही आश्रित हैं. उनको इस अवधि के दौरान प्रति परिवार 4500 रुपये अनुदान दिया जाएगा. राहत सह बचत योजना के तहत 1500 रुपये खुद मछुआरे का होगा. जबकि 1500 रुपये राज्य सरकार और 1500 रुपये केंद्र सरकार का होगा. इस राशि को तीन किस्त में देने का प्रावधान है. पहली किस्त 15 जून, दूसरा 15 जुलाई और तीसरी किस्त 15 अगस्त को दी जाती है. इस योजना का लाभ लेने के लिए मछुआरों को मत्स्य कार्यालय आकर आवेदन देना होगा. या ऑनलाइन भी आवेदन दे सकते हैं.

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