बिहार

बिहार में डॉक्टरों की हड़ताल को लेकर सरकार ने इतने दिन वेतन काटने का दिया आदेश

बिहार में मंगलवार को चिकित्सक एक दिन की स्ट्राइक पर थे इसके बाद उनपर कार्रवाई हुई है डॉक्टर के वेतन को रोकने का आदेश जारी किया गया है बिहार में भारतीय मेडिकल एसोसिएशन की बिहार शाखा की ओर से स्ट्राइक की घोषणा की गई थी इसके बाद विभाग ने स्ट्राइक पर गए डाक्टरों के विरुद्ध कार्रवाई का आदेश जारी किया है बिहार स्वास्थ्य सेवा संघ के आह्वान पर मंगलवार को स्ट्राइक पर जाने वाले सरकारी डॉक्टरों के विरुद्ध स्वास्थ्य विभाग ने कार्रवाई करने के लिए बोला है विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने डॉक्टरों की स्ट्राइक की समीक्षा की है इसके बाद उन्होंने राज्य के सभी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों के प्राचार्य, अधीक्षक और सभी सिविल सर्जनों को कठोर निर्देश दिया है बता दें कि इस स्ट्राइक को अवैद घोषित किया गया है

विभाग के अपर मुख्य सचिव ने दिया आदेश

सरकार की ओर से बोला है कि स्ट्राइक पर रहने वाले डॉक्टरों के वेतन को काटा जाएगा स्पष्ट रूप से बोला गया है कि काम नहीं हुआ है तो वेतन भी नहीं मिलेगा स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव की ओर से बोला गया है कि कि स्ट्राइक करनेवाले डॉक्टरों का एक दिन का वेतन नो वर्क नो पे के सिद्धांत पर काटा जाये अपर मुख्य सचिव ने सभी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों और सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों के कार्य बहिष्कार को गैरकानूनी घोषित कर दिया है

सुरक्षा की मांग को लेकर हड़ताल

बता दें कि पूर्णिया जिले के सर्जन डॉ राजेश पासवान पर हुए जानलेवा हमले के विरोध में पटना सहित पूरे राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों के डॉक्टरों ने स्ट्राइक की स्ट्राइक का असर सबसे अधिक पीएमसीएच में देखने को मिला था यहां जूनियर डॉक्टरों ने रजिस्ट्रेशन काउंटर पर सुबह 10 बजे ताला जड़ दिया इससे केवल सवा घंटे ही ओपीडी चली इसमें मात्र 527 रोगियों का उपचार हुआ वहीं, करीब 1500 से अधिक रोगियों का उपचार नहीं किया गया जानकारी के मुताबिक छठ के बाद करीब दो हजार रोगी उपचार कराने पहुंचे थे पीएमसीएच में सीनियर और जूनियर चिकित्सक पूर्णिया जिले के डॉ राजेश पासवान के साथ हाथापाई करने वाले आरोपित के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई और अस्पतालों में सुरक्षा की मांग कर रहे थे इसको लेकर इन्होंने स्ट्राइक किया था

मरीजों को ओपीडी में नहीं मिली उपचार की सुविधा

बक्सर जिले के सदर हॉस्पिटल में भी मंगलवार को रोगियों को ओपीडी में उपचार की सुविधा नहीं मिल पाई इसके कारण रोगियों को कठिनाई का सामना करना पडा जिले के अलग- अलग क्षेत्रों से पहुंचे रोगियों को स्वास्थ्य सुविधा नहीं मिल पाने के कारण उन्हें काफी कठिनाई झेलनी पडी उपचार नहीं मिलने के कारण रोगियों को बिना उपचार कराये ही वापस लौट जाना पडा हालांकि, इस दौरान सदर हॉस्पिटल की आपातकालीन सेवा बहाल रही थी डॉक्टरों ने आपातकालीन के रोगियों का उपचार पूरे दिन रोस्टर के मुताबिक किया परंतु इस दौरान ओपीडी के समय में हॉस्पिटल परिसर में अव्यवस्था कायम हो गई थी ओपीडी में उपचार नहीं मिलने से रोगी मायूस हो गये वहीं विशेष जरूरत वाले रोगियों ने आपातकालीन में कार्य कर रहे चिकित्सक से पंक्तिबद्ध होकर उपचार करवाया वैसे इन दिनों त्योहारी समय होने के कारण रोगियों की संख्या में अपेक्षाकृत कमी पाई गई वहीं कुछ रोगियों ने तो विवशता वश नीजी चिकित्सक का सहारा लिया कहा जाता है कि सदर हॉस्पिटल में रोजाना 800 से 1100 तक रोगियों का उपचार होता है जिन्हें डॉक्टरों के हडताल के कारण उपचार की सुविधा नहीं प्राप्त हो सकी मौके पर डॉ अनिल सिंह, डॉ श्याम रजक, डॉ अरूण कुमार सिंह, डॉ मधु कुमारी, डॉ वरूण सांकृत समेत अन्य शामिल रहे वहीं, अब स्ट्राइक पर रहे डॉक्टरों के विरुद्ध कार्रवाई का आदेश है इनके एक दिन के वेतन को काटने का आदेश जारी किया गया है

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