बिहार के इस पेड़ की अद्भुत कहानी, जिसके दर्शन करने के बाद मांगी गई मन्नत होती है पूरी
आज हम आपको बिहार के एक ऐसे पेड़ की कहानी बता रहे हैं, जिसके दर्शन करने के बाद मांगी गई मन्नत पूरी होने का क्षेत्रीय लोग दावा करते हैं। इतना ही नहीं, क्षेत्रीय लोगों का दावा है कि इस पेड़ का जिक्र महाभारत और वेद में भी है। इस जगह की अद्भुत, अविश्वसनीय, अकल्पनीय कहानी आज हम आपको लोकल 18 के माध्यम से बता रहे हैं।
यहां पर आने के बाद आपके मन में विशालकाय पेड़ को देखकर इसकी उम्र और जड़ का प्रश्न उठने लगेगा। लेकिन यह किसी को नहीं मालूम है। चंद्रभागा नदी के किनारे के इस जगह को हिंदू धर्म से जोड़कर देखा जाता है। इस जगह पर लोग रात तो क्या दिन में भी नहीं जाना चाहते हैं, लेकिन, जिसने भी यहां आकर मन्नत मांगी, उसकी मुराद पूरी होती है।
उज्जैन बाबा जगह के नाम से मशहूर
स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता डाक्टर रमण कुमार झा और रहमान आदि ने कहा कि आज से तकरीबन 400 वर्ष पूर्व उज्जैन से एक बाबा घोड़ा पर सवार होकर यहां आए थे। वे यहां पर जबतक रहे, तबतक इस क्षेत्र में हैजा और प्लेग जैसी घातक रोग किसी को नहीं हुई। जबकि, आसपास के इलाकों में इस रोग से कई लोगों की जाने जा रही थी। लोगों ने कहा कि बाबा के जाने के बाद यहां पर एक पिंड मिला था। इसी पिंड की पूजा-अर्चना के बाद मनोकामनाएं पूर्ण होने का दावा किया जाता है।
बाबा समाधि लिए थे या फिर पिंड की स्थापना कर चले गए, यह रहस्य आज भी बरकरार है। क्षेत्रीय शिक्षक रहमान बताते हैं कि मानसिक रूप से पीड़ित कोई आदमी यदि इस पेड़ के नीचे आराम करता है, तो उसकी स्थिति ठीक हो जाती है। मैं स्वयं भी शांति के लिए यहां आते रहता हूं।
छागर या मिट्टी का घोड़ा चढ़ाने की परंपरा
स्थानीय लोगों का मानना है कि इस जगह पर इच्छा पूर्ण होने पर छागर की बलि देते हैं या फिर मिट्टी के घोड़े बनाकर यहां पर चढ़ाया जाता है। क्षेत्रीय लोगों का यह भी दावा है कि संतान प्राप्ति के लिए यहां पर लोग मन्नत मांगने सबसे अधिक आते हैं। यहां पर आने के बाद आप मिट्टी के घोड़े को देखकर ही अंदाजा लगा सकते हैं कि कितने लोगों की मन्नतें पूरी हुई होगी।
ऐसे पहुंच सकते हैं मंदिर तक
इस मंदिर तक आने के लिए सबसे पहले आपको बेगूसराय आना होगा, इसके बाद आप बेगूसराय से बखरी तक सरलता से पहुंच सकते हैं। यहां पर आने के लिए बेगूसराय से ई-रिक्शा भी आपको मिल जाएगा। रेल मार्ग की बात करें तो इसी जगह के पास सलोना स्टेशन भी उपस्थित है।