पटना के मोइनुल अधिकार स्टेडियम में बिहार और मुंबई के बीच मैच से रणजी ट्रॉफी (Ranji Trophy) के नए सीजन की आरंभ शुक्रवार को हुई। इस मैच के साथ ही बिहार के समस्तीपुर के रहने वाले वैभव सूर्यवंशी (Vaibhav Suryavanshi) ने फर्स्ट क्लास क्रिकेट में डेब्यू किया। 12 साल 284 दिन की उम्र में फर्स्ट क्लास क्रिकेट में डेब्यू करने के साथ वैभव सूर्यवंशी ने वह कारनामा कर दिया, जो सचिन तेंदुलकर भी नहीं कर सके थे। वैभव सबसे कम उम्र में फर्स्ट क्लास क्रिकेट में करियर प्रारम्भ करने वाले हिंदुस्तान के इतिहास के चौथे क्रिकेटर बन गए हैं। वहीं, बिहार के सबसे कम उम्र में डेब्यू करने वाले खिलाड़ी बने।
बिहार का ‘सचिन तेंदुलकर’ बोला जाता है
वैभव सूर्यवंशी एक धाकड़ बल्लेबाज हैं। वैभव की बल्लेबाजी को देखते हुए क्षेत्रीय क्रिकेटर उसे बिहार का सचिन तेंदुलकर भी कहते हैं। वैभव ने इससे पहले पिछले वर्ष बीसीसीआई (बोर्ड फॉर कंट्रोल ऑफ क्रिकेट इन इंडिया) की ओर से आयोजित चैलेंजर ट्रॉफी प्रतियोगिता में हिंदुस्तान की अंडर-19 टीम का अगुवाई किया था। महज 6 वर्ष की उम्र से क्रिकेट खेलना प्रारम्भ करने वाले वैभव सूर्यवंशी क्रिकेट जगत में कई बार तहलका मचा चुके हैं।
चैलेंजर ट्रॉफी में वैभव ने लगाया दोहरा शतक
वैभव ने चैलेंजर ट्रॉफी के पिछले सीजन में तीन दोहरा शतक लगाया था। वैभव ने समस्तीपुर की ओर से हेमंत ट्रॉफी के लीग और सुपर लीग के में उन्होंने पूरे बिहार में सबसे अधिक रन बनाया था। हिंदुस्तान की अंडर-19 बी टीम की ओर से खेलते हुए वैभव ने पांच मैचों में 177 रन बनाये थे। वैभव ने वीनू मांकड़ ट्रॉफी के पिछले सीजन के पांच मैचों में 393 रन बनाए।
शानदार फॉर्म में चल रहे वैभव
वैभव बहुत बढ़िया फॉर्म में हैं। वैभव पिछले एक वर्ष में जिला से लेकर राज्य स्तर तक के मैचों में 10 से अधिक शतक लगा चुके हैं। इन्होंने हरियाणा के विरुद्ध 139, असम के विरुद्ध 86, चंडीगढ़ के विरुद्ध 72, आंध्र प्रदेश के विरुद्ध 69 और जम्मू कश्मीर के विरुद्ध 59 रनों की अंधाधुन्ध पारी खेली थी। अपनी बहुत बढ़िया पारियों के दम पर वैभव ने चयनकर्ताओं का ध्यान अपनी ओर खींचा।
पिता हैं किसान
समस्तीपुर जिले के ताजपुर के रहने वाले वैभव के पिता किसान हैं। उनके पिता संजीव सूर्यवंशी भी जिलास्तरीय क्रिकेट खेल चुके हैं। वैभव तीन भाइयों में दूसरे नंबर पर हैं। वे ताजपुर में आठवीं के विद्यार्थी हैं। वैभव क्षेत्रीय प्रशिक्षक ब्रजेश झा की देख-रेख में पटेल मैदान में अभ्यास करते हैं। वैभव के पिता संजीव सूर्यवंशी ने कहा कि वैभव को बचपन से ही क्रिकेट खेल में जुनून था। पिता संजीव सूर्यवंशी ने बल्ला पकड़ना सिखाया। उनके पिता का सपना वैभव को भारतीय टीम में खेलते देखना है।
कम उम्र में डेब्यू करने वाले भारतीय खिलाड़ी
- जब रणजी ट्रॉफी में खेलने वाले सबसे युवा खिलाड़ी की बात आती है तो अलीमुद्दीन का नाम सबसे ऊपर आता है। उन्होंने अपने करियर की आरंभ 1942-43 में महज 12 वर्ष और 73 दिन की उम्र में की थी। अजमेर में जन्मे अलीमुद्दीन उस सीज़न में बड़ौदा के महाराज प्रताप सिंह जिमखाना मैदान में राजपूताना के लिए खेले थे।
- दूसरे जगह पर एसके बोस आते हैं, जिन्होंने 1959-60 में 12 वर्ष 76 दिन की उम्र में अपना प्रथम श्रेणी करियर प्रारम्भ किया था। यह मैच बिहार और असम के बीच खेला गया था।
- तीसरे जगह पर मोहम्मद रमजान हैं, जिन्होंने 1937 में 12 वर्ष की उम्र में अपना पहला रणजी ट्रॉफी मैच खेला था। यह मैच उत्तरी हिंदुस्तान बनाम यूडीटी प्रांत के बीच खेला गया था।
- वहीं इस लिस्ट में अब चौथा नाम वैभव सूर्यवंशी का नाम जुड़ गया है। वैभव ने 2023-24 में बिहार और मुंबई के बीच खेले गए मैच में 12 साल 284 दिन की उम्र में डेब्यू किया है।
मैच के पहले दिन मुंबई ने गंवाए 9 विकेट
बिहार और मुंबई के बीच रणजी ट्रॉफी मैच की आरंभ पटना के मोइन उल अधिकार स्टेडियम में हुई। चार दिनों तक चलने वाला इस मैच में बिहार ने टॉस जीता और मुंबई को बल्लेबाजी करने के लिए आमंत्रित किया। खराब रोशनी के कारण महज 67 ओवर का ही मैच खेला जा सका। पहले दिन के खेल समाप्त होने तक मुंबई की टीम 9 विकेट के हानि पर 235 रन बना चुकी है।
5 रन पर गिरा मुंबई का पहला विकेट
इस मैच में बिहार टीम के कप्तान का फील्डिंग करने का फैसला ठीक साबित हुआ। मैच के पांचवें ओवर में ही वीर प्रताप ने मुंबई के ओपनिंग बल्लेबाज जय विस्टा को सरमन निग्रोध के हाथों कैच करा कर मुंबई को पहला झटका दिया, इस समय मुंबई का स्कोर मात्र 5 रन था। इसके बाद मुंबई की ओर से भूपेन लालवानी और श्वेत पार्कर ने एक अच्छी साझेदारी कर मुंबई की स्थिति को मजबूत करने का कोशिश किया, लेकिन भूपेन लालवानी (65 रन) को सकीबुल गनी ने सरमन निग्रोध के हाथ हैं कैच करवाकर मुंबई को दूसरा झटका दिया तो समय मुंबई का स्कोर 96 रन था।
वीर प्रताप सिंह ने झटके चार विकेट
मुंबई की ओर से श्वेसुवेद पारकर कौर तनुष कोटाइन 50-50 रन बनाकर आउट हुए, जबकि शिवम दुबे 41 रन और अथर्व 15 रन बना कर आउट हुए। पहले दिन के मैच की समापन पर मोहित अवस्थी बिना खाता खोले और रोशन एक रन बनाकर क्रीज़ पर उपस्थित हैं। बिहार की ओर से वीर प्रताप सिंह ने चार जबकि सकिबुल गनी और हिमांशु सिंह ने दो-दो विकेट तथा आशुतोष अमन ने एक विकेट लिए।