बिहार

बिहार की ये महिलाएं बांस से बनाती हैं पेन स्टैंड

समस्तीपुर समस्तीपुर जिले के रोसड़ा वार्ड 3 की तीन स्त्रियों के एक समूह ने प्लास्टिक, फाइबर और कांच की तरह चमकने वाले पेन स्टैंड बनाकर विलुप्त हो रही बांस की लकड़ी की लोकप्रियता को वापस ला रही हैं हाथों से तैयार इस पेन स्टैंड को लोग काफी पसंद कर रहे है बता दें कि सड़क किनारे बैठकर जब ये महिलाएं पेन स्टैंड बना रही होती हैं, तो राहगीर रुककर सेल्फी भी लेते हैं उपेन्द्र महारथी शिल्प अनुसंधान केंद्र से प्रशिक्षित ये महिलाएं रोजाना 25 से 30 पीस पेन स्टैंड तैयार कर लेती हैं

40 से 60 रुपए तक रेट
रोसरा की रहने वाली खुशबू कुमारी ने मीडिया से कहा कि उन्होंने उपेंद्र महारथी अनुसंधान केंद्र से इस प्रोडक्ट को बनाने का प्रशिक्षण लिया है इसके बाद से वह स्वयं इसे तैयार करती है इसके बाद बाजार में भी अपने प्रोडक्ट को बेच लेती हैं और उसी संस्थान को भी बेच देती हैं खुशबू बताती हैं कि लोकल स्तर पर भी अच्छा दर मिल जाता है उन्होंने बोला कि दिनभर में 25 से 30 पीस बांस का पेन स्टैंड तैयार कर लेती है तैयार प्रोडक्ट को 40 से लेकर 60 रुपए प्रति पीस के हिसाब से बेचती है खुशबू ने कहा कि पहले वह लोग भी घर पर खाली बैठी रहती थी लेकिन, प्रशिक्षण लेने के अब अब प्रोडक्ट तैयार कर दो पैसे भी कमा लेती है

ऐसे तैयार करती है पेन स्टैंड
खुशबू ने कहा कि पेन स्टैंड तैयार करने के लिए सबसे पहले बांस की लकड़ी का कटिंग किया जाता है फिर चाकू से उसके छिलके को हटाकर पाटिल बनाया जाता है पाटिल तैयार होने के बाद उसे फेविकोल के योगदान से पेनस्टैंड बनाया जाता है इसमें चमक लाने के लिए ऊपर से बार्लिस का इस्तेमाल करती है वह बताती हैं कि लोकल स्तर पर जिन-जिन ग्राहकों को इस प्रोडक्ट के बारे में जानकारी मिलती है, वह हमारे यहां से आकर खरीद लेते हैं

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