Jharkhand में अप्रैल से ही गर्म हवाओं ने लोगों की सेहत को नुकसान कर दिया पहुंचाना
रांची : झारखंड में जिस तरह से अप्रैल में गर्मी पड़ रही है, उसे देखते हुए मई और जून में स्थिति असहज हो सकती है। आमतौर पर लू मई और जून महीने में चलती हैं, लेकिन इस बार अप्रैल में ही लू का प्रकोप (हिट स्ट्रोक) जारी है। गर्म हवाओं ने लोगों की स्वास्थ्य को हानि पहुंचाना प्रारम्भ कर दिया है। नेशनल प्रोग्राम ऑन क्लाइमेट चेंज एंड पब्लिक ह्यूमन हेल्थ (एनपीसीसीएच), नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल ने गर्म हवाओं से इस बार आपातकालीन जैसी स्थिति का अंदेशा जता रहे हैं।
शुक्रवार को नई दिल्ली में देशभर के फिजिशियन, पीडियाट्रिशियन और मेडिकल ऑफिसर्स को लू से निबटने के तरीका बताये गये। आर्मी हॉस्पिटल रिसर्च एंड रेफरल हॉस्पिटल, नई दिल्ली के डॉक्टरों ने खासकर छोटे बच्चों को लेकर सावधान किया है। दो दिवसीय इस बैठक में जानकारों ने जलवायु बदलाव (ग्लोबल वार्मिंग) का जीवन और स्वास्थ्य पर पड़नेवाले असर के बारे में जानकारी दी। इसमें झारखंड जैसे भाैगोलिक बनावट वाले राज्यों की स्थितियों को भी शामिल किया गया। बैठक में ग्लोबल वार्मिंग के कारण जलवायु बदलाव पर होनेवाले असर के बारे में कहा गया।
इसका असर दिन के तापमान में होनेवाली वृद्धि का स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव देखा जा रहा है। इस दौरान साल 1880 से 2023 तक के मौसम में आये परिवर्तनों के आंकड़े पेश किये गये। कहा गया कि पिछले वर्ष 86 दिनों में औसत तापमान के अंदर 1.5 डिग्री सेंटीग्रेड की बढ़ोतरी दर्ज हुई। वहीं, इस बीच दो दिन ऐसे भी आये, जब यह बढ़ोतरी 02 डिग्री सेंटीग्रेड तक रही।
अस्पतालों में इस बार मरजेंसी के हालातहो या जा रहा है। इसके लिए हिट रिलेटेड आपातकालीन के लिए उपायुक्त की नज़र में डिस्ट्रिक टास्क फोर्स के गठन की आवश्यकता बतायी गयी है। टास्क फोर्स स्वास्थ्य पदाधिकारियों, सिविल सर्जन और अन्य विभागों के साथ मिलकर काम करेगी।
अस्पतालों में पहली बार होंगे विशेष कूलिंग वार्ड
भीषण गर्मी के असर के चलते अस्पतालों में हाइपरथर्मिया वाले रोगियों के इलाज के लिए स्पेशल कूलिंग वार्ड तैयार किये जायेंगे। कूलिंग मेथड तकनीक से इन्हें तुरन्त इलाज मौजूद कराना है। इनमें एडल्ट एंड पीडियाट्रिक रोगियों के फौरन इलाज की प्रबंध होगी। सरकारी और प्राइवेट सेक्टर के अस्पतालों को मिलकर काम करने को बोला गया है।
बीमार, बुजुर्ग और बच्चों को सुरक्षित रखना लक्ष्य
हीट रिलेटेड इलनेस सर्विलांस के अनुसार गर्मी से पीड़ित पांच साल से कम उम्र के बच्चों, बुजुर्गों, गर्भवती स्त्रियों और गंभीर रूप से बीमार व्यक्तियों के लिए विशेष प्रबंध की राय दी गयी है। एसी – कूलर चलाने के लिए बिना रुकावट बिजली आपूर्ति और सुदूरवर्ती इलाकों में हर हाल में सोलर पैनल से बिजली आपूर्ति सुनिश्चित कराने को बोला गया है।
कौन लोग आ सकते हैं लू की चपेट में :
धूप में अधिक समय तक एक्सपोजर वाले, पसीना बहाने वाले, एक्सरसाइज करनेवाले, एथलेटिक्स, मजदूर और अधिक समय तक धूप में रहनेवाले लोग, पुलिस और सुरक्षा में तैनात आर्मी के जवान
हिट स्ट्रोक का अधिक खतरा इन्हें :
कार्डियोवस्कुलर कोलैप्स, एक्यूट किडनी इंज्यूरी वाले लोग, इसके अतिरिक्त एल्कोहल, कोकीन, ड्रग्स, स्नेक बाइट पॉइजनिंग, साइकोटिक मेडिसिन लेनेवाले मरीज।