कामदा एकादशी पर केले की वृक्ष की पूजा का है विशेष महत्व
कामदा एकादशी, साल की सबसे जरूरी एकादशियों में से एक, ईश्वर विष्णु को समर्पित है। यह दिवस आध्यात्मिक विकास और इच्छा पूर्ति के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दिन ईश्वर विष्णु की विशेष पूजा-अर्चना करने से उनकी अपार कृपा प्राप्त होती है और जीवन में आने वाली सभी बाधाएं दूर होती हैं।
कामदा एकादशी पर केले के पेड़ की पूजा का महत्व
कामदा एकादशी पर केले की पेड़ की पूजा का विशेष महत्व है। आपको बता दें कामदा एकादशी पर केले के पेड़ की पूजा करने से विष्णु ईश्वर आपकी सारी इच्छाएं पूरी होती है। केले के पेड़ की पूजा करने से ग्रह दोषों का निवारण होता है।
ऐसे करें केले के पेड़ की पूजा
केले के पेड़ पर हल्दी की गांठ, चने की दाल, गुड़, अक्षत, पीले फूल अर्पित करें। इसके बाद पेड़ के नीचे घी के दिए जलाएं और केले की वृक्ष की 21 बार परिक्रमा करें। आपको बता दें इस दिन केले के सेवन से बचें
आर्थिक समृद्धि के लिए करें ये उपाय
भगवान विष्णु का बीज मंत्र ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः का 5 माला जाप करें: यह मंत्र ईश्वर विष्णु को समर्पित है और माना जाता है कि इससे धन और समृद्धि प्राप्त होती है। जाप करते समय माला का इस्तेमाल करें और शांत चित्त से मंत्र का उच्चारण करें। आप इस मंत्र का जाप करते समय ईश्वर विष्णु की मूर्ति के सामने बैठ सकते हैं या मंदिर में जा सकते हैं।
जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र, धन या अन्य जरूरतमंद वस्तुएं दान करें: दान पुण्य करना एक पुण्य कार्य माना जाता है और इससे ईश्वर विष्णु प्रसन्न होते हैं। आप गरीबों, अनाथों, या जरूरतमंदों को भोजन, कपड़े, पैसे या अन्य जरूरी वस्तुएं दान कर सकते हैं। दान करते समय दान की गई वस्तु का मूल्य कम या अधिक नहीं होना चाहिए।
विवाह संबंधी बाधाएं दूर करने के लिए करें ये उपाय
भगवान विष्णु को दो साबुत हल्दी अर्पित करें: हल्दी को ईश्वर विष्णु को प्रिय माना जाता है और यह शादी संबंधी बाधाओं को दूर करने में सहायता करता है। आप दो साबुत हल्दी की गांठें लेकर ईश्वर विष्णु की मूर्ति के सामने रख सकते हैं और उनसे शादी संबंधी बाधाओं को दूर करने की प्रार्थना कर सकते हैं।
ॐ केशवाय नमः मंत्र का कम से कम 108 बार जाप करें: यह मंत्र ईश्वर विष्णु को समर्पित है और माना जाता है कि इससे शादी संबंधी समस्याएं दूर होती हैं। आप इस मंत्र का जाप करते समय माला का इस्तेमाल कर सकते हैं या शांत चित्त से मंत्र का उच्चारण कर सकते हैं। आप इस मंत्र का जाप करते समय ईश्वर विष्णु की मूर्ति के सामने बैठ सकते हैं या मंदिर में जा सकते हैं।
कार्यक्षेत्र में आ रही बाधाओं को दूर करने के लिए करें ये उपाय
भगवान विष्णु को कम से कम 11 पीले रंग के पुष्प अर्पित करें: पीला रंग ईश्वर विष्णु को प्रिय है और यह संपन्नता और कामयाबी का प्रतीक है। आप ईश्वर विष्णु को कम से कम 11 पीले रंग के फूल, जैसे कि कमल, गुलाब या सूरजमुखी अर्पित कर सकते हैं। फूल अर्पित करते समय ईश्वर विष्णु से कार्यक्षेत्र में आ रही बाधाओं को दूर करने की प्रार्थना करें।
व्रत के अगले दिन इन फूलों को आदर सहित जल में प्रवाहित कर दें: ऐसा करने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। आप इन फूलों को किसी नदी, तालाब या झील में प्रवाहित कर सकते हैं।
पूजा विधि
प्रातःकाल स्नान और वस्त्र: सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें। स्नान के लिए गंगाजल या स्वच्छ जल का इस्तेमाल करें। स्नान के बाद स्वच्छ, धुले हुए वस्त्र पहनें।Bपीले या सफेद रंग के वस्त्र पहनना ईश्वर विष्णु को प्रिय होता है।
पूजा जगह का श्रृंगार: अपने पूजा जगह को साफ-सुथरा और सुगंधित करें। पूजा जगह को फूलों, मालाओं और रंगोली से सजाएं। ईश्वर विष्णु की प्रतिमा या चित्र को स्थापित करें। ईश्वर विष्णु के साथ माता लक्ष्मी, ईश्वर शिव, गणेश जी और कार्तिकेय जी की भी प्रतिमा या चित्र स्थापित कर सकते हैं। दीप, धूप, नैवेद्य, फल, फूल आदि से ईश्वर विष्णु की पूजा करें। नैवेद्य में भोग, पान, सुपारी, फल, मिठाई आदि अर्पित करें। ईश्वर विष्णु को तुलसी के पत्ते भी अर्पित करना चाहिए।
मंत्रोच्चार और ध्यान: ईश्वर विष्णु के बीज मंत्र “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः” का 108 बार जप करें।विष्णु सहस्रनाम या गंगा स्तोत्र का पाठ भी कर सकते हैं। ध्यान में ईश्वर विष्णु के स्वरूप का मनन करें। ईश्वर विष्णु को शंख बजाकर और घंटा बजाकर भी प्रसन्न कर सकते हैं।
व्रत : एकादशी के दिन निर्जला या फलाहारी व्रत रखें।यदि संभव हो तो पूरे दिन सिर्फ़ सात्विक भोजन ग्रहण करें।व्रत के दौरान नमक, मिर्च, लहसुन, प्याज आदि का सेवन न करें।व्रत के दौरान दिनभर ईश्वर विष्णु का ध्यान करते रहें। सूर्यास्त के बाद व्रत का पारण करें।व्रत का पारण फल, दूध, दही, खीर आदि से कर सकते हैं।
दान-पुण्य : इस दिन किए गए दान-पुण्य का विशेष महत्व होता है।गरीबों, जरूरतमंदों और ब्राह्मणों को भोजन, वस्त्र, धन आदि दान करें।दान करने से पुण्य प्राप्त होता है और ईश्वर विष्णु प्रसन्न होते हैं।
कीर्तन और आरती: रात्रि के समय ईश्वर विष्णु की भक्ति में भजन-कीर्तन करें।भगवान विष्णु की आरती उतारें।आरती उतारते समय घंटा बजाकर और शंख बजाकर ईश्वर विष्णु का आह्वान करें।
ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष , वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
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