थम जाएगा मौतों का सिलसिला,’अभिभावकों का चिंतित होना स्वाभाविक’
वर्जीनिया के जॉर्ज मेसन यूनिवर्सिटी में विद्यालय ऑफ कंप्यूटिंग के डिविजनल डीन गुरदीप सिंह ने साक्षात्कार में ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ”यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस साल ऐसी घटनाएं हुईं और इतनी तादाद में हुईं, इसलिए अभिभावकों का चिंतित होना स्वाभाविक है. मेरा मतलब है कि यदि मैं एक अभिभावक हूं और मेरा बच्चा किसी दूसरे राष्ट्र में हैं, जहां इस तरह की घटनाएं हो रही हैं तो मैं भी निश्चित तौर पर उसे लेकर चिंतित रहूंगा.”
‘…तब घटना का मकसद सामने आता’
गुरदीप सिंह ने कहा, ”लेकिन मैं जो देख रहा हूं वो यह है कि मुझे ऐसा कोई कारण या मामला नहीं दिखा, जिसे देखकर लगे कि ये क्राइम घृणा से प्रेरित हों.” सिंह ने कहा, ”मुझे तब अधिक चिंता होती जब किसी एक यूनिवर्सिटी में ऐसा हुआ होता, और लगातार तीन या चार घटनाएं होती तब कहीं घटना का मकसद सामने आता. लेकिन कम से कम मेरी जानकारी के अनुसार, मुझे घृणा से प्रेरित क्राइम या भारतीय विद्यार्थियों को निशाना बनाकर किए जाने वाले हमले का कोई कारण नहीं दिखता है.”
अमेरिका में बढ़ी भारतीय विद्यार्थियों की संख्या
गुरदीप सिंह ने बोला कि भारतीय विद्यार्थियों को ऐसी घटनाओं के प्रति अधिक सावधान और सावधान रहने की आवश्यकता है. ‘इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल एजुकेशन’ की ‘ओपन डोर्स रिपोर्ट’ के अनुसार, अमेरिका में भारतीय विद्यार्थियों की संख्या 2014-2015 में 1,32,888 थी, जो 2024 में लगभग तीन गुना बढ़कर 3,53,803 हो गई है