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पहली बार वैज्ञान‍िकों को इस बात के सबूत मिले हैं, क‍ि धरती पर मौजूद था नाग वासुकी सांप

समुद्र मंथन होते हुए आपने धारावाह‍िकों में देखा होगा ज‍िसमें देवता और दानव एक विशाल सांप से समुद्र को मथते नजर आते हैं, ताक‍ि अमृत‍ मिल सके धर्मग्रंथों में उस सांप को नाग वासुकी सांप बोला गया है साइंस अब तक इन चीजों को केवल काल्‍पन‍िक मानता रहा है लेकिन पहली बार वैज्ञान‍िकों को इस बात के सबूत मिले हैं क‍ि नाग वासुकी सांप धरती पर उपस्थित था इतना ही नहीं, वह हिंदुस्तान में पाया जाता था इतना विशाल था क‍ि इसकी लंबाई एक बड़े बस के बराबर थी

साइंटिफिक रिपोर्ट्स जर्नल पब्‍ल‍िश रिपोर्ट में वैज्ञान‍िकों ने दावा क‍िया गया है क‍ि 47 मिलियन साल पहले नाग वासुकी सांप हिंदुस्तान में उपस्थित था इतना ही नहीं, यह धरती पर घूमने वाला सबसे लंबे सांप था, जो दलदली जगहों पर रहता था इसकी लंबाई 36 फीट से 50 फीट के बीच थी हिंदुस्तान में एक कोयला खदान के पास इसके होने के प्रमाण मिले हैं इस अजगर सांप का वजन लगभग एक टन था वैज्ञान‍िक भाषा में इसे वासुकी इंडिकस बोला जाता है यह शीघ्र से अपने शिकार का पीछा नहीं कर पाता और जहरीला नहीं होता कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के जीवाश्म विज्ञानी जेसन हेड ने कहा, यह सांप तब पाया जाता था जब धरती का तापमान अत्यधिक गर्म था इस सांप का खून काफी ठंडा था, ज‍िसकी वजह से यह बहुत गर्म तापमान में भी सरलता से जिंदा रह सकता है

अमृत मंथन में सांप का इस्‍तेमाल
रिसर्च से इस बात की भी पुष्टि हो गई क‍ि अमृत मंथन में ज‍िस सांप का प्रयोग क‍िया गया था, वह सांप हिंदुस्तान में ही पाया गया है दरअसल, आईआईटी रूड़की के साइंटिस्‍ट और रिसर्च टीम के सदस्‍य देबजीत दत्ता ने कहा, वैज्ञान‍िकों ने वासुकी इंडिकस नाम सांपों के राजा माने जाने वाले नाग वासुकी के नाम पर रखा है वासुकी नाग ईश्वर श‍िव के गले में हर समय लिपटा रहता था दत्ता ने कहा क‍ि इस सांप की हड्डी के टुकड़े 2005 में रिसर्च टीम के सदस्‍य सुनील बाजपी को पश्चिमी हिंदुस्तान में मिले थे शोधकर्ताओं ने वासुकी के आकार का पता लगाने के लिए जीवित सांपों के कंकालों में 20 से अधिक जीवाश्म कशेरुकाओं का शोध किया

40.5 फीट लंबा था यह सांप
दत्‍ता के मुताबिक, टायरानोसॉरस रेक्स के हड्डी की जांच से पता चला क‍ि यह सांप 40.5 फीट लंबा था भले ही यह डायनासोर ज‍ितना विशाल न हो, लेकिन यह धरती पर उपस्थित सबसे विशाल सांपों से कई गुना लंबा था जहां सांप पाया गया था उसके आसपास कई और जीवों के जीवाश्म मिले थे, जिनमें कैटफ़िश, कछुए, मगरमच्छ और प्राचीन व्‍हेल शामिल थीं यह बताता है क‍ि वासुकी सांप यही सब खाकर जिंदा रहा होगा वासुकी सांप नागों का राजा था जो दिन द‍िनभर अपने व‍िशाल शरीर को लपेटकर सिंहासन बना लेता था और सबसे ऊंचाई पर अपना सिर टिकाकर रखता था इसी मुद्रा में यह धीरे-धीरे चलता भी रहता था इससे पहले टाइटेनोबोआ सांप सबसे लंबा माना गया था, जो 42 फीट का था और 60 म‍िल‍ियन साल पहले कोलंबिया में रहता था

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