उत्तराखण्ड

ये संस्था पिछले 6 वर्षों से कर रही गरीब बच्चों को पढ़ाने का काम, बच्चों के लिए डे बोर्डिंग सुविधा

देहरादून परिवर्तन “द चेंज” संस्था पिछले 6 सालों से समाज में विभिन्न मुद्दों जैसे मलिन बस्तियों में रहने वाले बच्चों की शिक्षा, स्त्री सशक्तिकरण, पर्यावरण संरक्षण और रक्तदान, नेत्र दान, ट्रेफिक नियमों पर जागरूकता आदि पर लगातार काम कर रही है इस संस्था में 2000 से ज़्यादा वॉलिंटियर है जो मुफ़्त सेवा रेट से समाज सेवा कर रहे हैं

यह वॉलिंटियर प्रोजेक्ट पाठशाला के भीतर मलिन बस्तियों के बच्चों को शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ते है, इनके द्वारा सबसे पहले एक सर्वे किया जाता है कि किस स्थान पर विद्यालय न जाने वाले या ड्रॉपआउट बच्चे अधिक है, उसी स्थान 3 से 4 महीने के लिए पाठशाला लगाई जाती है, पाठशाला में पढ़ने वाले बच्चे ऐसे भी होते हैं जो सड़क के किनारे भीख मांगते हैं या कुछ बेचते हैं, उन्हें यह भी नहीं पता होता है कि पढ़ना भी महत्वपूर्ण है, लेकिन जब वे पाठशाला आते हैं तो उन्हें वह सारी गतिविधियां कराई जाती हैं कि बच्चा शिक्षा का ठीक अर्थ समझे समय-समय पर उन्हें खेलों में भी शामिल किया जाता है

600 से अधिक बच्चों का एडमिशन
स्मार्ट क्लास के माध्यम से बच्चों को फिल्म, खेल और प्रेरक वीडियो दिखाए जाते हैं और समाज की महान हस्तियो को बच्चों के बीच लाया जाता है अब तक बदलाव संस्था अपनी 30 पाठशाला पूर्ण कर चुकी है और 5 पाठशाला अभी सुचारु रूप से चल रही है अब तक 1200 से अधिक बच्चों को पढ़ाया जा चुका है और 600 से अधिक बच्चों को विद्यालय में नामांकित कराया गया है

बच्चों के लिए डे बोर्डिंग सुविधा
लोकल 18 से वार्ता करते हुए कृतिका पांडेय बताती हैं कि इस परियोजना में संस्था ने मलिन बस्तियों के बच्चों के लिए डे बोर्डिंग सुविधा की भी आरंभ की है जिसमें संस्था बच्चों को पूरे दिन अपनी पाठशाला में रखती है पढ़ाती है साथ ही सुबह का नाश्ता, दोपहर का खाना और शाम का स्नैक्स भी देती है वह आगे कहती है कि परियोजना पृथ्वी की उमर बढ़ाओ में पर्यावरण संरक्षण, वृक्षारोपण, पेड़ों को अपनाने, चिन्हित स्थानों पर स्वच्छता अभियान, जल संरक्षण, ईको ब्रिक बनाने आदि की दिशा में कार्य किया जाता है

रामगंगा स्वच्छ्ता जागरूकता 
इस परियोजना में संस्था 3 भिन्न-भिन्न नदियों- गंगा, रामगंगा, यमुना की स्वच्छ्ता पर कार्य करते हुए प्रत्येक रविवार को साप्ताहिक स्वच्छ्ता अभियान चलाया जाता है, रामगंगा स्वच्छता अभियान के लिए संस्था को जल शक्ति मंत्रालय से वाटर हीरोज2.0 अवॉर्ड मिल चुका है अब तक नदियों पर चलाए गए स्वच्छ्ता अभियानों से लगभग 150 टन सॉलिड वेस्ट निकाला गया है इसी परियोजना में संस्था में रामगंगा स्वच्छ्ता जागरूकता के लिए मुरादाबाद से वाराणसी की 800 किलोमीटर की साईकल यात्रा नहीं की थी जिसमें रास्ते में मिलने वाले 11000 लोगों से सिग्नेचर भी कराए

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