उत्तराखण्ड

UCC का मसौदा तैयार करने वाली विशेषज्ञ समिति आज अपना दस्तावेज CM पुष्कर सिंह धामी को सौंप देगी

Uttarakhand UCC: उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (UCC) का मसौदा तैयार करने वाली जानकार समिति शुक्रवार को अपना डॉक्यूमेंट्स सीएम पुष्कर सिंह धामी को सौंप देगी UCC पर विधेयक पारित कराने के लिए पांच फरवरी से उत्तराखंड राज्य विधानसभा का चार दिन का विशेष सत्र बुलाया गया है विधानसभा में विधेयक के रूप में पेश करने से पहले मसौदे पर राज्य मंत्रिमंडल में चर्चा भी की जाएगी

कानून के जानकारों की राय- कानून प्रबंध में सुधार होगा

UCC उत्तराखंड में लागू होने जा रहा है UCC को लेकर कानून के जानकारों का बोलना है की यूसीसी बहुत महत्वपूर्ण है इससे आम लोगों को काफी लाभ होगा उत्तराखंड के पूर्व DGP अशोक कुमार ने बोला है की सिविल कानून में परिवर्तन महत्वपूर्ण है कई बार स्त्रियों को हमने बड़ा निर्बल देखा है UCC स्त्रियों के लिए काफी बेहतर है लिविंग रिलेशनशिप के लिए भी पंजीकरण महत्वपूर्ण है ताकि अपराध ग्राफ और अपराध दर भी कंट्रोल हो

2022 विधानसभा चुनावों के दौरान किया था वादा

UCC पर अधिनियम बनाना और उसे प्रदेश में लागू करना 2022 में हुए विधानसभा चुनावों के दौरान बीजेपी द्वारा जनता से किए गए प्रमुख वादों में से एक था साल 2000 में अस्तित्व में आए उत्तराखंड में लगातार दूसरी बार जीत दर्ज कर बीजेपी ने एक इतिहास रचा था और सीएम ने बोला कि उनके द्वारा व्यक्त किए गए इस संकल्प को जनता ने अपना आशीर्वाद दिया है

मार्च 2022 में गवर्नमेंट गठन के तुरन्त बाद मंत्रिमंडल की पहली बैठक में ही UCC का मसौदा तैयार करने के लिए जानकार समिति के गठन को स्वीकृति दे दी गयी थी बाद में सुप्रीम कोर्ट की सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में समिति का गठन किया गया था

उत्तराखंड होगा पहला राज्य

अगर लागू हुआ तो उत्तराखंड आजादी के बाद UCC लागू करने वाला राष्ट्र का पहला राज्य होगा गोवा में पुर्तगाली शासन के दिनों से ही UCC लागू है UCC के अनुसार प्रदेश में सभी नागरिकों के लिए एकसमान विवाह, तलाक, जमीन, संपत्ति और उत्तराधिकार के कानून लागू होंगे चाहे वे किसी भी धर्म को मानने वाले हों

कैसे आगे बढ़ी प्रकिया?

सेवानिवृत्त न्यायाधीश देसाई के अतिरिक्त UCC जानकार समिति में सेवानिवृत्त न्यायाधीश प्रमोद कोहली, सामाजिक कार्यकर्ता मनु गौड़, उत्तराखंड के पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह और दून यूनिवर्सिटी की उप कुलपति सुरेखा डंगवाल भी शामिल हैं इस समिति को कुल चार विस्तार भी दिए गए जिसमें से आखिरी बार इसे जनवरी में 15 दिनों के लिए दिया गया समिति को अपने करीब दो वर्ष के कार्यकाल के दौरान 2.33 लाख लिखित सुझाव मिले तथा उसकी 60 बैठकों में सदस्यों ने करीब साठ हजार लोगों से वार्ता की

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