उत्तराखण्ड

नौ उपद्रवियों की संपत्ति जब्त करने के आदेश हल्द्वानी सिविल कोर्ट ने की जारी

हल्द्वानी: “अवैध ढांचे” के विध्वंस के बाद हल्द्वानी क्षेत्र के बनभूलपुरा कस्बे में भड़की अत्याचार के मास्टरमाइंड अब्दुल मलिक और उनके बेटे सहित नौ विद्रोहियों की संपत्ति बरामद करने के आदेश हल्द्वानी सिविल न्यायालय ने जारी कर दिए हैं दरअसल, 8 फरवरी को कब्ज़ा विरोधी अभियान के दौरान इन दंगाइयों ने पुलिस पर पत्थरों और पेट्रोल बम से धावा कर दिया था

कोर्ट ने पुलिस को सभी आरोपियों के विरुद्ध सीआरपीसी की धारा 82, और 83 के अनुसार कार्रवाई करने की इजाजत दे दी है  इससे पहले मंगलवार को सिविल न्यायालय ने सभी नौ आरोपियों के विरुद्ध गैर जमानती वारंट जारी किया था ताजा घटनाक्रम ऐसे समय आया है जब कुछ ही दिन पहले यहां नगर निगम ने हलद्वानी अत्याचार के मुख्य आरोपी अब्दुल मलिक के विरुद्ध 2.44 करोड़ रुपये का वसूली नोटिस जारी किया था, जिसमें उसे झड़प के दौरान सरकारी संपत्ति को हुए हानि की भरपाई के लिए पैसे जमा करने को बोला गया था इस बीच, कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने बुधवार को अत्याचार की मजिस्ट्रेट जांच प्रारम्भ की पुलिस के अनुसार, झड़पों के बाद पांच लोग मारे गए और दर्जनों अन्य घायल हो गए अत्याचार के बाद सीएम पुष्कर सिंह धामी ने बोला था कि राज्य में ‘उपद्रवियों’ के लिए कोई स्थान नहीं है

अतिक्रमण विरोधी अभियान के दौरान मुक्त कराई गई भूमि पर मंगलवार को स्त्री पुलिस ऑफिसरों द्वारा एक नयी पुलिस चौकी का उद्घाटन किया गया, जिसमें वे लोग भी शामिल थे जो हल्द्वानी अत्याचार के दौरान घायल हो गए थे “मलिक का बगीचा” के नाम से प्रसिद्ध जगह, जहां अत्याचार भड़की थी, अब ऑफिसरों द्वारा उसका नाम बदल दिया गया है और एक पुलिस चौकी स्थापित की गई है इससे एक दिन पहले सीएम ने घोषणा की थी कि जिस जगह से गैरकानूनी कब्ज़ा हटाया गया है, वहां एक थाने बनाया जाएगा

इससे पहले, उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार ने बल देकर बोला कि हालिया “हिंसक” झड़पें “सांप्रदायिक” नहीं थीं हलद्वानी में हुई अत्याचार के सिलसिले में 30 लोगों को अरैस्ट किया गया है झड़पों और अत्याचार में पांच लोगों की मृत्यु हो गई और दर्जनों लोग घायल हो गए पुलिस ने बोला कि अरैस्ट किए गए लोगों के पास से कई देशी हथियार और जिंदा कारतूस बरामद किए गए राज्य गवर्नमेंट ने केंद्र से जिले में तैनात करने के लिए अर्धसैनिक बलों की चार अतिरिक्त कंपनियां मांगी हैं प्रशासन द्वारा बनभूलपुरा में कब्ज़ा विरोधी अभियान चलाने के बाद अत्याचार भड़क उठी पथराव की घटनाओं, वाहनों में आग लगाने और भीड़ द्वारा क्षेत्रीय पुलिस पुलिस स्टेशन को घेरने के बाद प्रशासन ने देखते ही गोली मारने का आदेश जारी किया था

 

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