उत्तराखण्ड

श्रीनगर गढ़वाल में इतने रूपए में ले रिवर राफ्टिंग का मजा

श्रीनगर गढ़वाल. अगर आप एडवेंचर के शौकीन हैं और रिवर राफ्टिंग का शौक रखते हैं तो अब ऋषिकेश जाने की आवश्यकता नहीं है. पर्यटन विभाग द्वारा साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए उत्तराखंड के श्रीनगर गढ़वाल में राफ्टिंग प्रारम्भ की गई है. यहां अलकनंदा नदी में श्रीनगर गढ़वाल से देवप्रयाग तक राफ्टिंग कराई जा रही है. श्रीनगर गढ़वाल में राफ्टिंग प्रारम्भ होने से अब अलकनंदा नदी के किनारे पहाड़ों की गोद में बसा श्रीनगर गढ़वाल एजुकेशन हब होने के साथ पर्यटन हब के रूप में भी विकसित हो रहा है. ऋषिकेश की तर्ज पर श्रीनगर को भी साहसिक पर्यटन के रूप में विकसित करने को लेकर रिवर राफ्टिंग प्रारम्भ की गई है. शुरुआती दौर में रिवर राफ्टिंग श्रीनगर गढ़वाल से जुयालगढ़ तक कराई जाएगी.

पर्यटन अधिकारी प्रकाश खत्री बताते हैं कि अलकनंदा नदी में श्रीनगर से लेकर देवप्रयाग तक कई ऐसे रेपिड जोन हैं, जो थ्रिल का अहसास दिलाने के लिए पर्याप्त हैं. श्रीनगर के श्रीयंत्र टापू से लेकर देवप्रयाग तक ग्रेड 3 के रेपिड कई जगहों पर हैं, जो रोमांच पैदा करेंगे. उन्होंने कहा कि लंबे समय से श्रीनगर गढ़वाल में राफ्टिंग प्रारम्भ करवाने की मांग की जा रही थी. कई बार ट्रायल करने के बाद अब श्रीनगर गढ़वाल में अलकनंदा नदी में राफ्टिंग करने की अनुमति दे दी गई है.

600 रुपये में लें राफ्टिंग का मजा
श्रीनगर गढ़वाल से देवप्रयाग तक 35 किलोमीटर के दायरे में एडवेंचर के शौकीनों के लिए काफी कुछ है. अभी यहां श्रीनगर से जुयालगढ़ तक के लिए 12 किलोमीटर की राफ्टिंग कराई जाती है. साथ ही बुकिंग या फिर डिमांड पर देवप्रयाग तक भी राफ्टिंग कराई जा रही है. संचालक ने कहा कि 600 रुपये में श्रीनगर के श्रीयंत्र टापू से लेकर जुयालगढ़ तक राफ्टिंग की जा सकती है.

रिवर राफ्टिंग से बढ़ेगा रोजगार
इससे पहले राफ्टिंग के लिए लोगों को 100 किलोमीटर का यात्रा तय कर ऋषिकेश जाना पड़ता था, लेकिन अब श्रीनगर गढ़वाल में राफ्टिंग प्रारम्भ होने से जहां क्षेत्रीय लोगों को अलकनंदा की लहरों में एडवेंचर का आनंद मिल रहा है, वहीं कई क्षेत्रीय लोग रोजगार से भी जुड़ रहे हैं. बता दें कि अलकनंदा नदी में बनी जीवीके जल विद्युत परियोजना की झील में बोटिंग भी प्रारम्भ की गई है. आयोजकों ने कहा कि आरंभ में सिर्फ़ दो बैच चलाए जाएंगे. पर्यटकों की संख्या बढ़ने पर इसे तीन पाली में चलाया जाएगा. क्षेत्रीय युवाओं को भी साहसिक गतिविधियों में भाग लेने के लिए प्रेरित किया जा रहा है.

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