उत्तराखण्ड

पुत्रदा एकादशी रखने से होती है पुत्र रत्न की प्राप्ति

 सनातन धर्म के ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक प्रत्येक साल में 24 एकादशी के व्रत आते हैं, लेकिन सावन के महीने की शुक्ल पक्ष की एकादशी को पुत्रदा एकादशी बोला जाता है मान्यता है कि इस दिन ईश्वर विष्णु की आराधना करके विधि विधान से पूजा पाठ करने से सुयोग्य पुत्र रत्न की प्राप्ति होती है, और सभी पापों का नाश हो जाता है

सावन के महीने की शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन पुत्रदा एकादशी पड़ती है पुत्रदा एकादशी के दिन सृष्टि के पालनहार ईश्वर विष्णु की आराधना करने वाले श्रद्धालु को पुत्र रत्न की प्राप्ति होती है और जीवन के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं, इसीलिए सावन के महीने में पड़ने वाली पुत्रदा एकादशी का विशेष महत्व शास्त्रों में कहा गया है इस वर्ष सावन में 27 अगस्त दिन रविवार को पड़ेगा

लोकल 18 से खास वार्ता करते हुए उत्तराखंड के ऊधम सिंह नगर जिले के वरिष्ठ आचार्य पंडित अरुणेश मिश्रा ने कहा कि ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक प्रत्येक वर्ष में 24 एकादशी के व्रत आते हैं 12 व्रत शुक्ल पक्ष और 12 व्रत कृष्ण पक्ष में पड़ते हैं

सावन के महीने में शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को पुत्रदा एकादशी व्रत रखा जाता है उन्होंने बोला कि पुत्रदा एकादशी के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करने के बाद विधि विधान से ईश्वर विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करके उपवास रखना चाहिए

ऐसा करने से ईश्वर विष्णु और माता लक्ष्मी प्रसन्न होते हैं और भक्तों को पुत्र रत्न की प्राप्ति होती है और सभी पाप नष्ट हो जाते हैं

आचार्य पंडित अरुणेश मिश्रा ने कहा कि सावन के महीने में आने वाली उत्तर एकादशी की आरंभ 27 अगस्त 2023 को प्रातः 12:08 बजे से प्रारंभ होगी और 27 अगस्त 2023 को रात्रि 09:32 बजे समाप्ति होगा व्रत का पारण 28 अगस्त 2023 को सुबह 05:57 बजे से 08:31 बजे तक होगा

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