उत्तराखण्ड

केंद्र सरकार के सिटीज 2.0 प्रोजेक्ट से बाहर हुआ देहरादून

2023 के अंत में केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने सिटीज 2.0 प्रोजेक्ट लांच किया था इस प्रोजेक्ट के अनुसार हिंदुस्तान के 18 शहरों का चयन किया गया है इस लिस्ट में स्मार्ट सिटी देहरादून शामिल नहीं है इससे पहले सिटीज 1.0 में देहरादून का नाम शामिल था इस कारण देहरादून में नए प्रोजेक्ट की संभावनाएं समाप्त हो गई हैं, साथ ही सिटीज 2.0 से कचरा निस्तारण के लिए मिलने वाले 119 करोड़ रुपये भी दून को नहीं मिलेंगे जहां आम जनता स्मार्ट सिटी के अधूरे काम से परेशान थी, वहीं इस लिस्ट के सामने आने के बाद दोहरा झटका लगा है

राजधानी देहरादून के निवासी सुनील बांगा ने बोला कि वर्ष 2019 में देहरादून को स्मार्ट सिटी बनाने का काम प्रारम्भ हुआ था लेकिन आज 5 वर्ष बाद भी देहरादून स्मार्ट सिटी का काम पूरा नहीं हो पाया शहर के कई सड़कों पर गड्ढे आज भी नजर आते हैं, वहीं, न ही लाइटिंग का काम पूरा हो पा रहा है और न ही अंडरग्राउंड वायरिंग का काम पूरा हो पाया है रेलवे स्टेशन के पास और सहारनपुर चौक के पास सीवर और पाइपलाइन डालने का काम जारी है, जिससे जनता बहुत परेशान हो रही है

ये हुआ असर
पर्यावरणविद् आशीष गर्ग ने बोला कि देहरादून को 2027 तक स्वच्छ और सुंदर बनाने के लिए सिटीज 1.0 में शामिल किया गया था, लेकिन सिटीज 2.0 में देहरादून का नाम शामिल नहीं किया गया है इस कारण कचरा निस्तारण के लिए119 करोड़ रुपये नहीं मिलेंगे यदि यह राशि मिल जाती तो देहरादून में कचरा निस्तारण का पृथक्करण करने के लिए प्लांट लगाया जा सकता था

ये काम रहेंगे जारी
आशीष गर्ग ने कहा कि शीशम बाड़ा में कूड़े का पहाड़ खड़ा हो गया है और देहरादून में कई स्थान कूड़े का निस्तारण ठीक से नहीं हो पा रहा है शायद इसी वजह से देहरादून को सिटीज 2.0 की लिस्ट में शामिल नहीं किया गया इसका असर यह होगा कि स्मार्ट सिटी देहरादून को कूड़े के निस्तारण के लिए सहायता राशि नहीं मिल पाएगी जबकि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के काम जारी रहेंगे इलेक्ट्रिक बस, स्मार्ट टॉयलेट और ग्रीन बिल्डिंग के काम चलते रहेंगे स्मार्ट सिटी की सीईओ और देहरादून की डीएम सोनिका ने बोला कि देहरादून में लगातार पार्कों, सड़कों और नालियों की बेहतर प्रबंध के लिए काम किया जा रहा है

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