उत्तराखण्ड

उत्तराखंड के सैंकड़ो हेक्टेयर की वन भूमि हुई खाक

पहाड़ी राज्य उत्तराखंड में वनाग्नि की घटनाओ में लगातार वृद्धि ही देखी जा रही है उत्तराखंड में जंगल की आग जारी है, जहां एक दिन में 47 नए मामलों की सूचना मिली है, जिससे लगभग 53 हेक्टेयर वन क्षेत्र प्रभावित हुआ है. इस मौसम में राज्य में कुल 478 मामलों का सामना करना पड़ा है, जिससे 571 हेक्टेयर वन भूमि का हानि हुआ है. ये आगें राज्य की जैव विविधता और प्राकृतिक संसाधनों के लिए गंभीर खतरा उत्पन्न करती हैं.

प्रभावित क्षेत्रों में न्यू टिहरी, रानीखेत, अल्मोड़ा, बागेश्वर, पिथौरागढ़, चंपावत, नरेंद्रनगर, उत्तरकाशी, तराई पूर्व, लैंसडाउन, हल्द्वानी, रामनगर, रुद्रप्रयाग, केदारनाथ वन प्रभाग, राजाजी टाइगर रिजर्व और नंदा देवी नेशनल पार्क शामिल हैं. वन विभाग के प्रयासों के बावजूद, आग को नियंत्रित करना मुश्किल बना रहता है.वन विभाग के नोडल अधिकारी निशांत वर्मा ने बोला कि बढ़ते तापमान ने वन आग की घटनाओ को बढ़ा दिया है.

विभाग सैटेलाइट अलर्ट्स की बारीकी से नज़र कर रहा है, जमीन पर रिपोर्ट्स को शीघ्र सत्यापित कर रहा है, और आग के पता चलने पर त्वरित कार्रवाई कर रहा है. आग की रोकथाम और नियंत्रण में समुदाय को अधिक शामिल करने के कोशिश भी किए जा रहे हैं.उत्तराखंड में आग लगने की घटनाऐ मुख्यतः  मध्य फरवरी से प्रारम्भ होती है और मध्य जून तक रहती है, जो उच्च तापमान के कारण सूखी पत्तियां से प्रभावित होता है. यह पैटर्न वन संरक्षण प्रयासों को विशेष रूप से चुनौतीपूर्ण बनाता है.

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