उत्तर प्रदेश

क्या है मिशन गगनयान, यह भारत के लिए क्यों है खास…

श्री हरिकोटा प्रक्षेपण केंद्र से गगनयान की परीक्षण उड़ान में बदायूं जिले के होनहार वैज्ञानिक उत्कर्ष सक्सेना की भी अहम किरदार रही गगनयान से जुड़े क्रू मॉड्यूल के निर्माण (इलेक्ट्रॉनिक्स) में वह भी शामिल हैं वह आने वाले दिनों में पूरे विश्व में हिंदुस्तान को अंतरिक्ष के क्षेत्र में पूरी तरह मजबूत स्थिति में देखना चाहते हैं

 

इसरो में वैज्ञानिक 26 वर्षीय उत्कर्ष सक्सेना मुजरिया क्षेत्र के गांव सगराय के मूल निवासी तथा महात्मा गांधी पालिका (एमजीपी) इंटर कॉलेज में प्रवक्ता संजीव सक्सेना के बेटे हैं बहन लक्ष्मी बीटेक की छात्रा हैं तो मां आरती सक्सेना गृहिणी  इसरो में वैज्ञानिक पद पर उत्कर्ष का चयन एक सितंबर 2020 को हुआ था उस समय इसरो में गगनयान की तैयारियां प्रारम्भ हो चुकी थीं

उत्कर्ष को क्रू मॉड्यूल में इलेक्ट्रॉनिक्स से जुड़े वैज्ञानिकों की टीम में शामिल किया गया करीब तीन वर्ष की कड़ी मेहनत के बाद शनिवार सुबह गगनयान के परीक्षण का समय आया तो टीम के अन्य वैज्ञानिकों के साथ वह भी श्री हरिकोटा केंद्र पर उपस्थित रहे शनिवार देर शाम उन्होंने अपने पिता से बात की परीक्षण की कामयाबी के बाद खुशी भी उनके साथ साझा की

 

दरअसल, क्रू मॉड्यूल से जुड़ी इलेक्ट्रॉनिक्स की टीम में करीब 20 सदस्य हैं सभी सदस्य एक-दूसरे के समकक्ष हैं उत्कर्ष के अनुसार, गगनयान का परीक्षण पूरी तरह सफल रहा है मिशन के अनुसार साल-2024 तक के अंत तक तीन हिंदुस्तानियों को सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में भेजा जाएगा उसी दिन उनके हौसले की असल उड़ान पूरी होगी परीक्षण के बाद वह श्री हरिकोटा से बेंगलुरु रवाना हो चुके हैं

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