बदायूं में पोस्टमार्टम में लापरवाही करने पर दो और डॉक्टरों पर गिरी गाज
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के बदायूं में पोस्टमार्टम में ढिलाई पर दो और डॉक्टरों पर गाज गिरी है। उप सीएम ब्रजेश पाठक ने दोनों डॉक्टरों को निलंबित कर अपर निदेशक चिकित्सा-स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, बरेली से संबद्ध करने के निर्देश दिए हैं। दोनों डॉक्टरों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई भी की जा रही है।
आरोप है कि 10 नवंबर 2023 को बदायूं के थाना अलापुर के कुतरई गांव निवासी पूजा की ससुराल वालों ने दहेज की मांग के चलते मर्डर कर दी थी। पिता गंगाचरण ने केस दर्ज कराया। पुलिस ने मृतशरीर पोस्टमार्टम हाउस भेज दिया था। सीएमओ ने दो डॉक्टरों डाक्टर मोहम्मद उबेश एवं डाक्टर मोहम्मद आरिफ हुसैन की संयुक्त कमेटी गठित की थी। उन्होंने मृतशरीर का पोस्टमार्टम किया।
आरोप है कि पोस्टमार्टम में सतर्कता नहीं बरती गयी। पोस्टमार्टम के बाद जब परिजनों ने मृत-शरीर का बैग खोला तो पूजा की दोनों आंखें गायब थी। डिप्टी मुख्यमंत्री पाठक ने तुरन्त असर से दोनों डॉक्टरों को निलंबित करके अपर निदेशक, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण कार्यालय, बरेली सम्बद्ध कर दिया है। दोनों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई भी किये जाने के आदेश दिये हैं।
इस प्रकरण में मुख्य चिकित्साधिकारी डाक्टर प्रदीप वाष्णेय को पहले ही निलंबित कर स्वास्थ्य महानिदेशालय में सम्बद्ध किया जा चुका है। ड्यूटी के दौरान सहकर्मियों से अमर्यादित भाषा का प्रयोग कर धमकी देना महोबा के खरेला सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के चिकित्सक को भारी पड़ा। कम्पलेन के बाद उप सीएम ब्रजेश पाठक ने आरोपी डाक्टर राजेश कुमार वर्मा के विरुद्ध अभियोजन चलाये जाने की स्वीकृति दी है।
डॉ। राजेश पर जैतपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में तैनाती के दौरान कई गैरकानूनी कृत्यों में संलिप्त रहने के इल्जाम हैं। साथ ही सहकर्मी के साथ अमर्यादित भाषा का प्रयोग करते हुए टेलीफोन पर दुर्व्यवहार एवं धमकी देने का भी इल्जाम है।
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