आज रामलला की मूर्ति पहुंची गर्भगृह के अंदर, उससे पहले गर्भगृह में की गई विशेष पूजा
जानकारी दें की इससे पहले बीते 17 जनवरी को गर्भ गृह में स्थापित होने वाली रामलला की 200 किलो वजन की नयी मूर्ति को जन्मभूमि मंदिर परिसर लाया गया था. इस दौरान मूर्ति को परिसर भ्रमण कराना था, लेकिन भारी होने के कारण इसकी स्थान रामलला की 10 किलो की चांदी की मूर्ति को फिर परिसर में घुमाई गई.
इससे पहले पहले यज्ञ मंडप के 16 स्तंभों और चारों द्वारों का पूजन भी हुआ. जानकारी दें कि यह 16 स्तंभ 16 देवताओं के प्रतीक हैं. इनमें गणेश, विश्वकर्मा, बह्मा, वरुण, अष्टवसु, सोम, वायु देवता को सफेद वस्त्रत्त् जबकि सूर्य, विष्णु को लाल वस्त्रत्त्, यमराज-नागराज, शिव, अनंत देवता को काले और कुबेर, इंद्र, बृहस्पति को पीले वस्त्रत्तें में निरुपित किया गया है .
इस मंडप के चार द्वार, चार वेदों और उन द्वार के दो-दो द्वारपाल चारों वेदों की दो-दो शाखाओं के प्रतिनिधि माने गए हैं. पूर्व दिशा ऋग्वेद, दक्षिण यजुर्वेद, पश्चिम दिशा सामवेद और उत्तर दिशा अथर्व वेद की प्रतीक हैं. इनकी वकायदा पूजा के बाद चार वेदियों की पूजा भी होगी. जानकारी दें कि अयोध्या में आनें वाले 22 जनवरी को श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी. इस दौरान स्वयं पीएम नरेंद्र मोदी भी उपस्थित रहेंगे.