योगी सरकार की ये तीन मंत्री राजनीति में है अपने आप में एक बड़ा नाम
Shahjahanpur Loksabha Seat Equation: 1951 से लेकर अब तक हुए चुनावों में कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी नौ बार जीत चुके हैं। तीन बार भाजपा, दो-दो बार सपा, जनता दल और एक बार जनता पार्टी का प्रत्याशी शाहजहांपुर से चुनाव लड़ा है। देखा जाए तो कांग्रेस पार्टी जीत का स्वाद लंबे समय से नहीं चख पाई। करीब 19 वर्ष से कांग्रेस पार्टी जीत से काफी दूर है। इसी तरह से देखा जाए तो बीएसपी का अब तक खाता ही नहीं खुला या यूं कहें कि बीएसपी सांसद का यहां सूखा पड़ा है। हालांकि समाजवादी पार्टी ने जरूर दो बार जीत हासिल की है। शाहजहांपुर में बीजेपी के अरुण कुमार सागर मौजूदा सांसद हैं। इसके अतिरिक्त योगी गवर्नमेंट में तीन-तीन मंत्री भी इसी शहर से हैं। तीनों मंत्री उत्तर प्रदेश की राजनीति में अपने आप में एक बड़ा नाम हैं। राजनीति के जानकारों की मानें तो विधानसभा चुनाव में रिज़ल्ट को देखते हुए मोदी गवर्नमेंट शाहजहांपुर को 2024 से पहले एक तोहफा भी देने जा रही है। चर्चा है कि 2014 में शाहजहांपुर सांसद चुनी गईं कृष्णा राज की तरह अरुण सागर को भी केंद्रीय मंत्रिमंडल में स्थान मिल सकती है।
शाहजहांपुर में कब कौन रहा सांसद
शाहजहांपुर में पहला चुनाव 1952 में हुआ था, उस समय शाहजहांपुर में लोकसभा की दो सीटें होती थीं। एक सीट से कांग्रेस पार्टी के गणेशी लाल और दूसरी सीट से रामेश्वर नवेटिया ने चुनाव जीता था। 1957 में भी दो सीटों पर लोकसभा का चुनाव हुआ और तब एक सीट से कांग्रेस पार्टी के नारायणदीन और दूसरी सीट से सेठ विशनचंद्र ने चुनाव जीता। 1962 में शाहजहांपुर को एक ही लोकसभा सीट बनाया गया, तब कांग्रेस पार्टी से लाखनदास, 1967 में कांग्रेस पार्टी से पीके खन्ना, 1971, 1980, 1984 में कांग्रेस पार्टी से जीतेंद्र प्रसाद जीते। 1996 में राममूर्ति सिंह वर्मा कांग्रेस पार्टी से सांसद बने। कांग्रेस पार्टी से 1999 में जीतेंद्र प्रसाद जीते। 2001 में उनके मृत्यु के बाद शाहजहांपुर लोकसभा सीट पर उपचुनाव हुआ। 2002 में कांग्रेस पार्टी ने कांताप्रसाद को प्रत्याशी बनाया। समाजवादी पार्टी ने जब राममूर्ति सिंह वर्मा को चुनाव मैदान में उतारा। इस चुनाव में राममूर्ति सिंह वर्मा जीत गए थे। 2004 में जितिन प्रसाद ने कांग्रेस पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीते। इसके बाद 2009 में समाजवादी पार्टी ने मिथलेश कुमार को प्रत्याशी घोषित किया। मिथलेश कुमार चुनाव जीते।
जनता दल ने भी दो बार जीत हासिल की है यहां
शाहजहांपुर की राजनीति में बाबू सत्यपाल सिंह का नाम कौन नहीं जानता है। जमीनी राजनीति करने वाले सत्यपाल सिंह संघर्ष करते-करते जनता दल के टिकट पर पहली बार 1989 में सांसद बने थे। उन्होंने कांग्रेस पार्टी के जीतेंद्र प्रसाद को हराया था। इसके बाद 1991 में सत्यपाल सिंह जनता दल के टिकट पर ही दुबारा जीते, इस बार उन्होंने भाजपा के निर्भयचंद्र सेठ को हराया था।
भाजपा को भी मिली दो बार जीत
भाजपा शाहजहांपुर लोकसभा सीट पर जीत के लिए बहुत छटपटा रही थी। इस सीट पर पहली बार बीजेपी को जीत दिलाई बाबू सत्यपाल सिंह। वह 1998 में बीजेपी में शामिल हो गए। बीजेपी ने उन्हें प्रत्याशी बनाया और वह जीते। इसके बाद बीजेपी दूसरी बार 2014 में चुनाव जीती, तब प्रत्याशी बनाया गया कृष्णाराज को। वह अब केंद्र में मंत्री भी हैं। बीजेपी लोकसभा सीट पर जीत के लिए बहुत छटपटा रही थी। इस सीट पर पहली बार बीजेपी को जीत दिलाई बाबू सत्यपाल सिंह।
2014 का लोकसभा चुनाव परिणाम
2014 में हुए लोकसभा चुनाव के परिणामों की बात करें तो यहां बीजेपी का कब्जा रहा है। 2014 में कृष्णाराज दो लाख 35 हजार वोटों से जीती थीं। उन्हें 5 लाख 25 हजार 132 वोट मिले थे। दूसरे नंबर पर बीएसपी से उम्मेद सिंह रहे थे। उन्हें 2 लाख 89 हजार 603 वोट मिले थे। समाजवादी पार्टी का नंबर तीन थी। समाजवादी पार्टी प्रत्याशी मिथलेश कुमार को 2 लाख 42 हजार 913 वोट मिले थे। कांग्रेस पार्टी प्रत्याशी चेतराम को 27 हजार वोट मिले थे। 2014 के चुनाव में शाहजहांपुर सीट से कुल 14 प्रत्याशी चुनाव लड़े थे। कृष्णा राज मोदी गवर्नमेंट में मंत्री भी रही हैं।
शाहजहांपुर 2019 चुनाव परिणाम
शाहजहांपुर में दो बार कमल खिला चुकी बीजेपी ने 2019 में भी इतिहास रचा था। 2014 के बाद लगातार बीजेपी दो बार जीती। 2014 में कृष्णा राज सांसद चुनी गईं और 2019 के चुनाव में अरुण सागर चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे। अरुण सागर ने प्रत्याशी को हराया था। अरुण सागर को 58.53 फीसदी वोट मिले थे, जबकि बीएसपी के अमर चंद्र जौहर को 35.73 फीसदी वोट हासिल हुए थे। तीसरे नंबर पर रही कांग्रेस पार्टी को महज तीन फीसदी वोटों पर ही संतोष करना पड़ा था। कांग्रेस पार्टी ने ब्रह्मस्वरूप सागर को चुनाव मैदान में उतारा था।
शाहजहांपुर जातीय समीकरण
लोकसभा चुनाव को लेकर एक बार फिर सियासी दलों ने अपनी-अपनी बिसात बिछा दी है। 2019 के चुनावी आंकड़ों पर नजर डालें तो यहां करीब 21 लाख 12 हजार 860 लोकसभा के वोटर हैं। जातीय समीकरण की बात करें तो यहां करीब 20 प्रतिशत जनसंख्या मुसलमान समुदाय की है। इसके अतिरिक्त पिछड़ी जातियों का भी यहां वर्चस्व है। सियासी जानकारों की मानें तो मुसलमान वोटर ही शाहजहांपुर में जीत-हार तय करता है।
शाहजहांपुर लोकसभा में छह विधानसभा, सभी पर बीजेपी काबिज
शाहजहांपुर लोकसभा क्षेत्र में छह विधानसभा सीटें आती हैं। इनमें कटरा, जलालाबाद, तिलहर, पुवायां, शाहजहांपुर और ददरौल शामिल है। कटरा विधानसभा सीट से वर्तमान में बीजेपी के बवन सिंह विधायक हैं। इन्होंने समाजवादी पार्टी के बैजनाथ दुबे को हराया था। जलालाबाद विधानसभा की बात करें तो ये सीट भी बीजेपी के कब्जे में हैं। इस सीट से हरी प्रकाश वर्मा वर्तमान विधायक हैं। यहां भी 2022 के चुनाव में समाजवादी पार्टी दूसरे नंबर की पार्टी रही थी। तिलहर विधानसभा सीट से बीजेपी की सलोना कुशवाह विधायक हैं, इन्होंने समाजवादी पार्टी के रोशनलाल वर्मा को हराया था। रोशन लाल वर्मा पहले बीजेपी से विधायक थे। इन्होंने 2017 का चुनाव जीता था। पुवायां विधानसभा पर भी बीजेपी का कब्जा है। यहां से चेतराम पासी वर्तमान में विधायक हैं। शाहजहांपुर से बीजेपी विधायक सुरेश खन्ना ने समाजवादी पार्टी के तनवीर खां को 2022 के चुनाव में पराजित किया था। सुरेश खन्ना वर्तमान में विधायक के साथ योगी गवर्नमेंट में कैबिनेट मंत्री भी हैं। ददरौल विधानसभा की बात करें तो इस सीट पर वर्तमान में बीजेपी के मानवेंद्र सिंह विधायक हैं।
शाहजहांपुर का सियासी इतिहास
शहीदों की नगरी बोला जाने वाला शाहजहांपुर में परशुराम जन्मस्थली भी उपस्थित है। शाहजहांपुर के शहीद अशफाकउल्ला, बिस्मिल, रोशन सिंह, पंडित राम प्रसाद बिस्मिल जैसे आजादी के दीवनों ने अंग्रेजों से लड़ाई लड़कर राष्ट्र के लिए कुर्बानी दी थी। इनकी भी जन्मस्थली यहां उपस्थित है। सियासी दृष्टिकोण के हिसाब से भी ये जिला काफी जरूरी माना जाता है। शाहजहांपुर के रहने वाले स्व। जितेंद्र प्रसाद ने राष्ट्रीय स्तर पर राजनीति में जिले का नाम बुलंदियों पर पहुंचाया था। इसके अतिरिक्त जितेंद्र प्रसाद के बेटे जितिन प्रसाद भी कभी राहुल गांधी के करीबी नेताओं में शामिल थे। जितिन पहले कांग्रेस पार्टी में थे, हालांकि बीजेपी में आने के बाद योगी गवर्नमेंट में कैबिनेट मंत्री हैं। उत्तर प्रदेश की राजनीति में सुरेश खन्ना का नाम भी बहुत अहम है। सुरेश खन्ना शाहजहांपुर से लगातार आठ बार विधायक चुने जात चुके हैं। वर्तमान में सुरेश खन्ना योगी गवर्नमेंट में वित्तमंत्री के साथ संसदीय कार्यमंत्री भी हैं।