अमावस्या तिथि के दिन एक घी का दीपक जलाने की है परंपरा ,जाने क्यों
सनातन धर्म में दिवाली का पर्व बहुत जरूरी माना जाता है। सनातन धर्म को मानने वाले लोग दिवाली के पर्व का प्रतीक्षा बेसब्री से करते हैं। हिंदू पंचांग के मुताबिक कार्तिक माह की अमावस्या तिथि के दिन दिवाली का पर्व मनाया जाता है। इस त्योहार को मनाने के लिए लोग पहले से ही तैयारी प्रारम्भ कर देते हैं। जिसमें नए दीपक खरीदना घर की साफ-सफाई करना, घर में रंगोली बनाना तरह-तरह के पकवान आदि बनाए जाते हैं।
धार्मिक मान्यता है कि इसी दिन प्रभु राम लंका पर विजय प्राप्त कर अयोध्या लौटे थे तो अयोध्या वासियों ने दीप माला चलकर प्रभु राम का स्वागत किया था। दिवाली के दिन दीपक जलाना बहुत शुभ माना जाता है। इस दिन घर में मां लक्ष्मी का आगमन होता है। मां लक्ष्मी के स्वागत के लिए लोग दिवाली के दिन घर पर दीपक जलाते हैं। अमावस्या तिथि के दिन दिवाली का पर्व मनाया जाता है। इस वजह से दीपक जलाकर अंधेरी रात को दूर किया जाता है। अमावस्या तिथि के दिन एक घी का दीपक तो बाकि ऑयल का दीपक जलाने की परंपरा भी है।
तेल के दीपक जलाने के फायदे
अयोध्या की ज्योतिष पंडित कल्कि राम बताते हैं कि घर में मिट्टी के दीपक में सरसों का ऑयल डालकर दीपक जलाने से शनि और मंगल ग्रह मजबूत होते हैं। इसके साथ ही इन ग्रहों द्वारा आ रही समस्याओं से भी मुक्ति मिलती है। घर में सुख शांति बनी रहती है। इसके साथ ही माता लक्ष्मी भी प्रसन्न होती हैं और सुख समृद्धि का वास होता है।
घी के दीपक जलाने का लाभ
दूसरी तरफ दिवाली के दिन घी का दीपक जलाना भी बहुत शुभ माना जाता है। इस दिन गाय के घी का दीपक जलाने से माता लक्ष्मी जल्द प्रसन्न होती हैं और आदमी पर प्रसन्न होती है। इस दिन घी का दीपक जलाने से आदमी के घर की तरक्की होती है। घर में धन-धान्य की कमी नहीं रहती। यही वजह है कि दिवाली के दिन पूजा के दौरान सबसे पहले माता लक्ष्मी को घी का दीपक जलाना चाहिए।