इस रहस्यमय बीमारी से सात पालतू पशुओं की हुई मौत, पशुपालकों में मची दहशत
गांव चौबारा में भैंस के बच्चे को इंजेक्शन लगाती पशुधन विभाग की टीम। संवाद
क्षेत्र के गांव चौबारा में आठ दिनों में पशुओं में फैली रहस्यमय रोग से सात पालतू पशुओं की मृत्यु हो गई। पशुपालकों में इस रोग से भय है। जिला पंचायत अध्यक्ष ने इसकी कम्पलेन प्रदेश के पशुधन मंत्री से की तो उनके निर्देश पर पशुपालन विभाग हरकत में आया। 6 दिसंबर की रात को ही टीम ने गांव पहुंचकर पीड़ित पशुओं का इलाज किया।
अज्ञात रोग से मरने वाले पालतू पशुओं में इस गांव निवासी विष्णु पचौरी की दो भैंस एवं तीन पड़िया, सतीश कुमार की एक पड़िया एवं अनिल कुमार का बैल शामिल है। रोग से 7 दिसंबर तक दो भैंस एवं तीन पड़िया मरने के बाद विष्णु के पुत्र सत्यप्रकाश का संयम उत्तर दे गया। उन्होंने बुधवार की शाम जिला पंचायत अध्यक्ष सीमा उपाध्याय को इसकी जानकारी दी। जिला पंचायत अध्यक्ष ने पशुधन मंत्री को अवगत कराया तो उनके निर्देश पर पशुधन अधिकारी बृहस्पतिवार रात में ही गांव चौबारा पहुंच गए।
इसके बाद सुबह उप मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डाॅ। पवित्रजीत सिंह पूरी टीम के साथ मौके पर पहुंच गए। टीम के पहुंचने से पहले विष्णु की एक पड़िया की मृत्यु हो चुकी थी। टीम ने पशुओं का उपचार करना प्रारम्भ कर दिया। मौके पर क्षेत्र के पशु डॉक्टर डाॅ।विकास यादव पशुओं का उपचार कर रहे हैं ।
सत्यप्रकाश ने कहा कि उनकी भैंस पिछले बृहस्पतिवार को बीमार पड़ी थी। उन्होंने पास के ही गांव के एक डॉक्टर से उसका उपचार कराया। उपचार के दो-तीन घंटे बाद उसकी उसकी मृत्यु हो गई। इसके बाद शुक्रवार को एक डेढ़ वर्षीय पड़िया बीमार पड़ी और वह भी कुछ घंटे में मर गई। इसी प्रकार उनके अन्य पशु बीमार हैं। क्षेत्र के पशु डॉक्टर विकास यादव का बोलना है उनको पशुओं के अज्ञात रोग से मरने की सूचना मिली तो उन्होंने मौके पर पशुधन अधिकारी को भेजा था।
पशुपालक अप्रशिक्षित डॉक्टरों से पशुओं का उपचार कराते रहे हैं। प्रथमदृष्टया मरने वाले पशुओं को निमोनिया की कम्पलेन लग रही है। वैसे पशुओं के रक्त का नमूना लेकर प्रयोगशाला में जांच के लिए भेजा गया है। जांच रिपोर्ट आने के बाद ही रोग के बारे में स्प्ष्ट तौर पर कुछ कहा जा सकता है। इस गांव में पशुओं का टीकाकरण पहले ही कर दिया गया है। अब लगातार उनकी टीम इस गांव के पशुओं पर नजर बनाए रखेगी। अब बाकी पशुओं की हालत में काफी सुधार है।