गोरखपुर शहर में पहुंचकर भी घर जाने के लिए कैंट स्टेशन पर लंबा प्रतीक्षा अब जल्द ही समाप्त होने वाला है। इस सब्र को दूर करने के लिए कैंट स्टेशन पर यार्ड रिमॉडलिंग का काम और कुसम्हीं तक तीसरी रेल लाइन बिछने के लिए मेगा ब्लॉक लिया गया है।
इस वजह से 76 ट्रेनें खारिज हैं, जबकि 17 संशोधित समय से चल रहीं हैं। इससे वैशाली, बिहार संपर्कक्रांति, बाघ एक्सप्रेस, कृषक एक्सप्रेस सहित कई ट्रेनें दो से तीन घंटे तक विलंब से चल रही हैं। जल्द ही ये देरीसमाप्त होगी। यानी हफ्ते भर की कठिनाई के बाद फर्राटा से दौड़तीं ट्रेनें मंजिल तक बिना बाधा के पहुंचा देंगी।
रेलवे की ओर से कैंट रेलवे स्टेशन से लेकर कुसम्हीं तक तीसरी लाइन का काम चल रहा है। इसके लिए रेलवे ने छह से लेकर 11 सितंबर तक का नान इंटरलॉकिंग का काम कराया जा रहा है। यह पहले चरण का काम है। इसके बाद कैंट और फिर उससे आगे डोमिनगढ़ तक तीसरी लाइन का काम होगा। आगे चलकर डोमिनगढ़ से खलीलाबाद और कुसम्हीं से बैतालपुर तीसरी लाइन बिछेगी। इसके अतिरिक्त गोरखपुर से पनियहवा तक दोहरीकरण भी होगा। इस वजह से 76 ट्रेनों का संचालन हफ्ते भर नहीं होगा। लेकिन इसके बाद आराम से लोग जंक्शन पर पहुंच जाएंगे। यह काम होते ही कैंट यार्ड रिमाॅडलिंग के बाद सेटेलाइट स्टेशन के रूप में बदल जाएगा।
ट्रेनों का इंतजार, शाम तक नहीं प्रारम्भ हुआ सफर
अधिकांश लोगों को ट्रेनों के निरस्त, मार्ग परिवर्तन सहित अन्य बदलाव की जानकारी नहीं हो सकी। इससे बुधवार को रेलवे स्टेशन पर पहुंचने के बाद कठिनाई हुई। खासकर, जनरल टिकट पर यात्रा करने वाले लोग परेशान हुए।अधिकतर ट्रेनों के नहीं आने से लोग भटकते रहे। ट्रेन आई तो भीड़ ने हौसला ताेड़ दिया। इससे लोगों को लौटना पड़ा। बुधवार की दोपहर 12.30 बजे रेलवे स्टेशन पर परेशान हाल फिरोज खान ने कहा कि लुधियाना जाने के लिए वह मंगलवार की रात ही आ गए थे। लेकिन ठीक जानकारी नहीं मिली। इसी तरह से रामकेश, बुद्धेश्वर सहित अन्य यात्री भी परेशान नजर आए। लोगों ने बोला कि ट्रेनों के प्रतीक्षा में शाम तक यात्रा नहीं प्रारम्भ हो सका।
पूछताछ काउंटर पर भीड़, नहीं मिल पा रही जानकारी
ट्रेनों के खारिज होने सहित अन्य जानकारी के लिए भी लोग भटकते नजर आए। सेकंड क्लास गेट के पास बने पूछताछ काउंटर पर यात्रियों की भीड़ लगी थी। लोग ट्रेनों की जानकारी पाने के लिए परेशान नजर आए। लोगों ने बोला कि ठीक जानकारी नहीं मिल पा रही है। इसलिए जहां तहां भटकना पड़ रहा है। हालांकि डिस्प्ले बोर्ड पर ट्रेनों के संबंध में सूचना दी जा रही थी।