उत्तर प्रदेश

मन को स्थिर कैसे रखें और अपने थॉट प्रोसेस में कैसे लाएं बदलाव…

गाजियाबादः “Be Positive” ये शब्द आपने अपने बचपन से अब तक लगभग लाखों बार सुने होंगे, इसे सुनते ही आप पॉजिटिविटी से भर जाते हैं, लेकिन क्या आपने कभी इसके पीछे की वजह खोजी है? दरअसल, हम जैसा सोचते हैं, वैसा ही हमारे दैनिक जीवन में घटित होता है मतलब आप जैसा सोचेंगे, वैसा ही आपका व्यवहार होगा

ये सभी परिवर्तन हमारे थॉट प्रोसेस के कारण होते हैं जिसकी एक बड़ी और लंबी प्रक्रिया होती है हमारा मन काफी चंचल होता है और कुछ ही सेकंड्स में वह एक स्थान से दूसरी स्थान पर चला जाता है मन को स्थिर कैसे रखें और अपने थॉट प्रोसेस में कैसे परिवर्तन लाएं, इसपर गाजियाबाद के हाईटेक कॉलेज में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया

 बच्चों को थॉट प्रोसेस को लेकर कहा गया
इस कार्यशाला में देशभर से विभिन्न इंस्टिट्यूट्स के शिक्षकों ने भाग लिया कार्यशाला का उद्देश्य- सभी शिक्षकों को पहले मानव व्यवहार और उससे जुड़ी हर बातों की चर्चा की जाए और उस पर चर्चा करना रहा इसके बाद उन शिक्षकों ने अपने संस्थानों में पढ़ाने के दौरान बच्चों को थॉट प्रोसेस की शक्ति के बारे में भी सतर्क किया अक्सर देखा जाता है कि प्रतिस्पर्धा की दौड़ में बच्चों के मार्क्स कम आते हैं तो वे निराश हो जाते हैं कई बार विद्यार्थी इतने निराश हो जाते हैं कि उनके मन में खुदकुशी करने का ख्याल आता है यह केवल हमारे नकारात्मक सोचने के कारण होता है

थॉट प्रोसेस को मजबूत करने की चर्चा
NEWS 18 LOCAL ने इस कार्यशाला के कन्वेनर अलोक से बात की अलोक ने कहा कि आपकी कल्पना जैसी होगी, वैसा ही आपके दैनिक व्यवहार में भी बदलाव आएगा सभी की कल्पना किसी न किसी लक्ष्य से जुड़ी होती है कई बार इस लक्ष्य को हासिल नहीं करने के कारण आदमी निराश हो जाता है और ऐसे में उनके मन में नकारात्मक विचार आने लगते हैं इसलिए, बच्चों को ये सिखाना बहुत जरूरी है कि वे नकारात्मक विचारों को कैसे दूर कर सकते हैं

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