उत्तर प्रदेश

Hindustan Special: CSRI का हर्बल प्रोडक्ट चूजों को बनाएगा दमदार,इस तरह किया गया अध्ययन

 

पॉल्ट्री फार्मरों के लिए सीएआरआई एक अच्छी समाचार लेकर आया है. अब चूजों के विकास के लिए उन्हें दवाइयों या फिर केमिकल युक्त सप्लीमेंट देने की आवश्यकता नहीं होगी. केंद्रीय पक्षी अनुसंधान संस्थान (सीएआरआई) की वैज्ञानिक डाक्टर दिव्या शर्मा ने विभिन्न प्रकार की वनस्पतियों से ऐसा पाउडर तैयार किया है, जिसे एक किलो दाने में महज पांच ग्राम मिलाकर खिलाने पर 42 दिन में ही चूजों का वजन चार फीसदी तक बढ़ जाता है.

पॉल्ट्री फॉर्मिंग राष्ट्र के प्रमुख कारोबारों में शामिल है. अधिक फायदा कमाने के चक्कर में पॉल्ट्री फॉर्मर चूजों को जल्द विकसित करने के लिए दवाइयों या केमिकल युक्त सप्लीमेंट का प्रयोग करते हैं. इससे चूजों का तेजी से विकास तो होता है लेकिन उनके मीट की क्वालिटी खराब होती है. मुर्गे-मुर्गियों की मीट की क्वालिटी को बेहतर करने के लिए वैज्ञानिक नित नए प्रयोग कर रहे हैं. इसी क्रम में सीएआरआई बरेली की वैज्ञानिक डाक्टर दिव्या शर्मा ने चूजों के शारीरिक विकास के लिए 2019 में अध्ययन प्रारम्भ किया था. इसके लिए उन्होंने 14 ऐसी वनस्पतियों को चुना, जो एंटी ऑक्सीडेंट और प्रोटीन के गुणों से भरपूर हों. उन वनस्पतियों की जड़ों और पत्तियों को एक निश्चित तापमान पर सुखाकर उन्होंने पाउडर तैयार किया. इसके बाद सफलतापूर्वक पांच फार्म और फील्ड परीक्षण पूरा करने के बाद ‘हर्बीग्रो’ नामक उत्पाद तैयार हुआ. सफल परीक्षण के बाद इस उत्पाद को आईसीएआर दिल्ली की स्वीकृति मिल गई है.

इस तरह किया गया शोध

डॉ दिव्या बताती हैं कि हर्बी ग्रो का परिणाम जानने के लिए उन्होंने 340-340 चूजों के दो ग्रुप बनाए. एक ग्रुप को साधारण दाना चुगने के लिए दिया गया, जबकि दूसरे ग्रुप के चूजों को दाने के साथ ही हर्बी ग्रो मिलाकर दिया गया. 42 दिन बाद पाया गया कि जिन चूजों को साधारण दाना चुगने के लिए दिया गया था उनका वजन 1.4 किलोग्राम था, जबकि हर्बी ग्रो ग्रुप वाले चूजों का वजन 1.8 किलोग्राम हो गया. यानि उनका वजन 400 ग्राम तक बढ़ गया.

मीट की क्वालिटी को भी बेहतर करेगा उत्पाद

सीएआरआई बरेली के निदेशक डाक्टर अशोक कुमार तिवारी का बोलना है कि हर्बीग्रो एक हर्बल उत्पाद है. इसे दाने में मिलाकर खिलाने से चूजों का ग्रोथ तेजी से होगा. आईसीएआर दिल्ली ने इस उत्पाद को सर्टिफाइड कर दिया है. इसके व्यवसायीकरण के लिए कंपनियों से वार्ता चल रही है. जल्द ही यह बाजार में मौजूद हो जाएगा.

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