Dussehra 2023: दशहरा के दिन इन छह उपायों से अक्षय पुण्य की हो सकती है प्राप्ति
वाराणसी। हर वर्ष अश्विन मास के दशमी तिथि को विजयादशमी (दशहरा) का महापर्व मनाया जाता है। इस वर्ष 24 अक्टूबर यानी मंगलवार को यह पर्व धूमधाम से मनाया जाएगा। इस पर्व को असत्य पर सत्य के जीत के तौर पर मनाते है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन ही ईश्वर श्री राम ने लंका पति रावण का वध किया था। इसके अतिरिक्त इस दिन मां दुर्गा ने महिषासुर को मारा था।
दशहरा का दिन कई मायनों में खास होता है। इस दिन कुछ अचूक तरीकों से धन, दौलत, शोहरत के साथ स्वास्थ्य और शत्रुओं पर विजय प्राप्त की जा सकती है। काशी के ज्योतिषाचार्य स्वामी कन्हैया महाराज ने कहा कि इस दिन इन छह तरीकों से अक्षय पुण्य की प्राप्ति हो सकती है।
ये हैं दशहरा के 6 अचूक उपाय
पापों से मुक्ति: दशहरा के दिन नीलकंठ पक्षी के दर्शन करने का भी विधान है। मान्यताओं के मुताबिक, नीलकंठ पक्षी के दर्शन से पापों से मुक्ति मिलती है। इसके अतिरिक्त यह समृद्धि का प्रतीक भी माना जाता है।
शनि की महादशा से मुक्ति: दशहरा के दिन शमी के पौधे की पूजा भी की जाती है। इस दिन शमी के पेड़ के नीचे सरसों के ऑयल के दीपक में लोहे का छल्ला डालकर जलाने से शनि पीड़ा से मुक्ति मिलती है।
शत्रु होते हैं पराजित: दशहरा के दिन अपराजिता देवी के पूजन का भी विधान है।दस सिर वाले रावण को पराजित करने के लिए प्रभु श्रीराम ने भी अपराजिता देवी की पूजा की थी, इसलिए जिनके जीवन मे शत्रुओं का भय होता है उन्हें इस दिन अपराजिता देवी की पूजा जरूर करनी चाहिए।
कारोबार में मिलेगी उन्नति: जिन लोगों के व्यपार में बाधा आ रही हो और व्यापार ठीक से न चलें उन्हें दशहरा के दिन रावण दहन से पहले नारियल को लाल कपड़े में लपेटकर उसमें काजल के सात टीका लगाकर जलते हुए रावण में फेंक देना चाहिए। इससे व्यपार की बाधाएं दूर हो जाती है।
शस्त्र पूजा से शक्तियों की सिद्धि: दशहरा के दिन शस्त्र पूजा का भी विधान है। इस दिन शक्तियों की सिद्धि के लिए शस्त्र पूजा जरूर करना चाहिए। इसे भी समृद्धि का प्रतीक माना जाता है।
रोगों से मिलेगी मुक्ति: दशहरा का महापर्व इस बार मंगलवार को पड़ रहा है। ऐसे में इस दिन सुंदरकांड का पाठ करने से रामभक्त हनुमान रोगों से मुक्ति दिलाते हैं।