डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने सर्वे रिपोर्ट 2 सितंबर तक सबमिट करने का दिया आदेश
ज्ञानवापी परिसर के सर्वे को आगे बढ़ाया जा सकता है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) को आज वाराणसी के डिस्ट्रिक्ट न्यायालय में पूरी सर्वे रिपोर्ट पेश करनी है। जिला न्यायधीश डाक्टर अजय कृष्ण विश्वेश की न्यायालय ने सर्वे रिपोर्ट 2 सितंबर तक सबमिट करने का आदेश दिया था। हालांकि, आशा जताई जा रही है कि आज ASI, जिला न्यायधीश अजय कुमार विश्वेश की न्यायालय से और अधिक समय की मांग कर सकती है।
वहीं, सुरक्षा प्रबंध में तैनात पुलिस फोर्स के रूकने का समय भी अग्रिम आदेश तक बढ़ा दिया गया है। हिंदू पक्ष के एडवोकेट विष्णु जैन ने बोला कि आज कुछ देर में यह तय हो जाएगा कि सर्वे की डेट बढ़ाई जाएगी या नहीं।
4 अगस्त से चल रहा सर्वे
इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश पर 4 अगस्त से लगातार ज्ञानवापी परिसर में ASI का साइंटिफिक सर्वे का काम चल रहा है। बंगलुरु से आई टीम ने (GPR ग्राउंड पेनेट्रेटिंग राडार) सर्वे भी किया है। इस बीच परिसर में कई स्थानों का चिह्नांकन किया गया है। अब तक ASI को सर्वे के दौरान कई अहम सुराग मिले हैं, जिसे हिंदू पक्ष अपने दावे की हकीकत बताता रहा है।
अब तक सर्वे में हुए इतने काम
ज्ञानवापी में 27 दिन के सर्वे में ASI टीम के 40 सदस्य शामिल रहे। दीवारों और गुंबद में मिली कलाकृतियों और कारीगरी का आकलन हुआ। टीम ने ज्ञानवापी परिसर में वजूस्थल को छोड़कर पूरे परिसर का सर्वे किया है। मस्जिद परिसर की पूरी पैमाइश के बाद सिर्फ़ GPR सर्वे हुआ। सदस्यों ने यूनिट के मुताबिक बाहरी दीवार, पश्चिमी दीवार, व्यासजी तहखाना समेत अन्य तहखाने, गुंबद और छतों का गहन शोध किया। इन जगहों से सैंपल जुटाकर लैब में भेजे और प्राचीनता के लिए पुरातन दस्तावेजों से साक्ष्यों का मिलान किया गया है।
जिला न्यायालय से उच्चतम न्यायालय तक अपील
- 21 जुलाई को वाराणसी की डिस्ट्रिक्ट न्यायालय ने ASI को सर्वे करके 4 अगस्त को रिपोर्ट सौंपने के लिए बोला था।
- 24 जुलाई को सुबह 7 बजे सर्वे प्रारम्भ हुआ। मुसलमान पक्ष रोक लगाने के लिए उच्चतम न्यायालय पहुंचा।
- सुप्रीम न्यायालय ने 26 जुलाई की शाम तक सर्वे पर रोक लगा दी और उच्च न्यायालय जाने को कहा।
- 25, 26, 27 जुलाई को मुसलमान पक्ष की याचिका पर उच्च न्यायालय में सुनवाई हुई।
- 27 जुलाई को न्यायालय ने आदेश सुरक्षित रख लिया और 3 अगस्त को आदेश देने की बात कही।
- 3 अगस्त को उच्च न्यायालय के जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर ने अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी की याचिका खारिज कर दी। न्यायालय ने कहा, ‘न्यायहित में सर्वे महत्वपूर्ण है। मुझे इस तर्क में कोई दम नहीं दिखता कि बिना दीवार खोदे ASI नतीजे पर नहीं पहुंच सकता।’
- 3 अगस्त को इस आदेश के विरुद्ध मुसलमान पक्ष उच्चतम न्यायालय चला गया। 4 अगस्त को मुसलमान पक्ष की अपील खारिज हो गई, तब से 1 सितबंर तक सर्वे चला है।
- बीच में 15 अगस्त को एक दिन के लिए सर्वे का काम रूका था।