उत्तर प्रदेश

इंग्लैंड के ब्राडफोर्ड लॉ स्कूल की निदेशक ने एमिटी लॉ स्कूल का किया दौरा

सेक्टर-125 स्थित एमिटी विवि में गुरुवार को इंग्लैंड के ब्राडफोर्ड लॉ विद्यालय की निदेशक प्रोफेसर एनगोबो एमेसेह और शिक्षक नीति शिखा ने एमिटी लॉ विद्यालय का दौरा किया इस अवसर पर ब्राडफोर्ड लॉ विद्यालय की निदेशक प्रो एनगोबो एमेसेह ने ” पर्यावरणिक नियम और न्यायसंगत परिवर्तन’’ पर व्याख्यान भी दिया इस अवसर पर उत्तराखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश (सेवानिवृत्त) राजेश टंडन, एमिटी लॉ विद्यालय के संयुक्त प्रमुख डा आदित्य तोमर और डा शेफाली रायजादा भी उपस्थित रहे

प्रो एनगोबो एमेसेह ने बोला कि आज विश्व बड़ी तेजी से परिवर्तित हो रहा है आप युवाओं के लिए एक उत्साहवर्धन समय है जब आप नयी तकनीक, सूचना का इस्तेमाल करके बेहतर विश्व का निर्माण कर सकते है 1992 में जलवायु बदलाव पर संयुक्त देश फ्रेमवर्क कनवैंशन नामक तरराष्ट्रीय संधि का निर्माण किया गया जिसका उद्देश्य ग्रीन हाउस गैस को वायुमंडल में स्थिर रखना और जलवायु प्रणाली के साथ घातक मानव हस्तक्षेप का मुकाबला करना था

जलवायु बदलाव के पर्यावरणिक नियम का पालन करने की साझी जिम्मेदारी सभी राष्ट्रों को लेनी होगी हमें उर्जा सुरक्षा, ऊर्जा की उपलब्धता ओर पर्यावरणिक समस्याओं पर ध्यान देते हुए सभी राष्ट्रों के लिए उर्जा की उपलब्धता पर विचार करना चाहिए सिर्फ़ उद्योग ही इस जलवायु बदलाव के लिए उत्तरदायी नहीं है हमें जीवाश्म इंधन को जलाने पर पाबंदी से पूर्व न्यायसंगत बदलाव को सुनिश्चित करना होना और उनके लिए स्वच्छ ईंधन की उपलब्धता करनी होगी

इंग्लैंड के ब्राडफोर्ड लॉ विद्यालय की डा नीति शिखा ने बोला कि कंपनी अधिनियम 2013 ने पर्यावरण के संदर्भ में काफी कुछ बोला गया है और पर्यावरण के प्रति कंपनी के निदेशकों की जिम्मेदारी तय की गई है वही इंग्लैंड में इस संदर्भ में समानांतर जिम्मेदारी खाता धारकों, निदेशकों, सप्लायर आदि की होती है हिंदुस्तान प्रथम ऐसा राष्ट्र जहां पर सीएसआर में पर्यावरण को संकलित किया गया है कई कानूनों में पर्यावरण की

उपस्थिति को रेखांकित किया गया और सरकारें द्वारा इस संदर्भ में बेहतरीन पहल की जा रही है उन्होंने विद्यार्थियों से बोला कि आपको इस चुनौती को स्वीकार करते हुए पर्यावरण संरक्षण के संदर्भ में नये कानूनों और नियमों के निर्माण करने पर विचार करना चाहिए

उत्तराखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश (सेवानिवृत्त) राजेश टंडन ने बोला कि इस कार्यक्रम में चुना गया विषय पर्यावरण एक जरूरी विषय है जिसमें युवा विधि के विद्यार्थियों को अवश्य दिलचस्पी लेनी चाहिए पर्यावरणिक कारक, जलवायु बदलाव को और जलवायु परिवर्तन, पर्यावरण को प्रभावित करते है उन्होंने केदार नाथ बाढ़ और नैनीताल मुकदमा का उदाहरण देते हुए प्रकृति के असंतुलन रोकने और पर्यावरण संरक्षण पर बल दिया

 

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