उत्तर प्रदेश

साइबर टीम ने 32 लाख की साइबर ठगी करने वाले तीन नाइजीरियन को किया गिरफ्तार

आजमगढ़ जिले की साइबर टीम ने 32 लाख से अधिक की साइबर ठगी करने वाले तीन नाइजीरियन ठगों को अरैस्ट किया है. इन ठगों पर इल्जाम है कि सोशल मीडिया पर लोगों से दोस्ती कर महंगे गिफ्ट और करोड़ो रूपए देने के बहाने लोगों को ठगते थे. अभी तक इन आरोपियों ने 100 करोड़ से अधिक की ठगी की है. इन आरोपियों के कब्जे से सात मोबाइल फोन, दो लैपटॉप, चार पासपोर्ट, चार भारतीय और चार नाइजीरियन सिम 100 से अधिक फेसबुक, इंस्टाग्राम आईडी और पासवर्ड के लिंकेज मिले हैं. आजमगढ़ आईजी अखिलेश कुमार के निर्देश पर मुद्दे का खुलासा करने में टीमें जुट गई.

 

बलिया के पीड़ित ने की थी शिकायत
बलिया के रहने वाले पीड़ित ने कम्पलेन दर्ज कराई की इंस्टाग्राम पर lawrence_micheal022 ने दोस्ती कर मेरे विवाह में महंगे उपहार देने के नाम पर मुझसे करीब 32 लाख की साइबर धोखाधड़ी की गयी हैं. जिसकी सूचना के आधार पर केस दर्ज कर लिया गया. घटना के खुलासे के लिए यह विवेचना आजमगढ़ परिक्षेत्र को स्थानांतरित कर दी गई. एसपी साइबर अपराध प्रो त्रिवेणी सिंह और साइबर अपराध आजमगढ़ द्वारा मुद्दे की विवेचना प्रारम्भ की गई तो इस मुद्दे की विवेचना में नाइजीरियन गैंग के तीन लोगों का नाम सामने आया जो कि दिल्ली में रहकर ठगी करते हैं. अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए एडीजी साइबर अपराध द्वारा परमीशन लेकर जिले के इंस्पेक्टर विमल प्रकाश राय के नेतृत्व में एक टीम को रवाना किया गया. इन आरोपियों में च्यूबिक आस्टन, चीमिजी जस्टिस, और चिमामकपा को दिल्ली से अरैस्ट कर बलिया कोर्ट में भेजा जा रहा है.

100 करोड़ से अधिक की ठगी को किया स्वीकार
पुलिस ने आरोपियों से जब पूछताछ की तो आरोपियों ने कहा कि हम लोग स्टूडेंट और मेडिकल वीजा पर इण्डिया आते हैं. नार्थ ईस्ट जिला के मिजोरम नागालैंड के लोगो के साथ मिलकर महंगे गिफ्ट (Iphone, Diamond Neckles करोडो रुपये देने के बहाने इण्डिया और अन्य राष्ट्र के आम लोगो से साइबर ठगी करते है. नार्थ ईस्ट के पुरुष महिलाओ को पैसे का अधिक लालच देकर उनसे बैंक खाता व् अधिक मात्र में एक्टिवेटिड सिम प्राप्त करते है. हम लोगो ने महंगे उपहार देने के नाम पर अधिवक्ता शुल्क, कस्टम शुल्क, फाइल शुल्क इत्यादि के नाम पर करीब 32 लाख रूपये की साइबर धोखाधड़ी की गयी है. हम लोग इन फर्जी बैंक खातो में पैसा जमा कराके ATM से निकाल लेते हैं. नाइजिरियां के बैंक खाता में जमा करा देते हैं. जांच के दौरान ज्ञात हुआ की अरैस्ट अभियुक्तों ने अपने भिन्न भिन्न नाईजिरियन अफ्रीका के बैंक खाते में पैसा जमा कराये है जिनकी गहराई से जांच की जा रही है. अरैस्ट अभियुक्तों नेबतया की इस क्राइम में दीमापुर नागालैंड की महिलाये जो दिल्ली में रहकर साइबर क्राइम में योगदान करती हैं. इस मुद्दे में मिजोरम और नागालैंड के अभियुक्तों की तलाश की जा रही है. आरोपियों ने अब तक 100 करोड़ से अधिक की बात को स्वीकार किया है.

 

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