सीएम योगी ने किया ये ऐलान, यूपी की 80 लोकसभा सीटों के लिए BJP तैयार
2024 के आम चुनाव (Lok Sabha Election) का काउंटडाउन प्रारम्भ हो चुका है। 2024 में I.N.D.I.A बनाम NDA की राजनीतिक महाभारत तय मानी जा रही है। लोकसभा में स्वयं पीएम मोदी (Narendra Modi) ने ये साफ कर दिया है कि 2024 में एक बार फिर भाजपा (BJP) हैट्रिक लगाने वाली है और विपक्ष का सफाया करने के लिए जनता भी तैयार है। इधर पीएम मोदी ने लोकसभा 2024 को लेकर हुंकार भरी और राजनीति की सबसे बड़ी भिड़न्त का बिगुल फूंका तो 80 सीटों वाले यूपी के मुखिया योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanth) ने भी बड़ा घोषणा किया। 80 सीटों का ये घोषणा कहीं और नहीं बल्कि राष्ट्र के सबसे बड़े राज्य यूपी की विधान सभा में किया गया।
विधानसभा में योगी बनाम अखिलेश
उत्तर प्रदेश विधानसभा के सत्र में सीएम योगी आदित्यनाथ अलग ही तेवर में नजर आए। उन्होंने अखिलेश यादव को हर उस मामले पर घेरा जो बीते लंबे समय से उठाए जा रहे थे। योगी ने हर प्रश्न का चुन-चुनकर उत्तर भी दिया। इसके अतिरिक्त अखिलेश ने भी मुख्यमंत्री योगी और उत्तर प्रदेश गवर्नमेंट के ऊपर तीखे प्रश्न उठाए। अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश में आवारा पशुओं के हमले से हो रही मौतों का मामला उठाते हुए योगी गवर्नमेंट पर प्रश्न खड़े किए। अखिलेश ने नेता सदन के कार्यालय में काम करने वाले एक कर्मचारी की मृत्यु जिक्र करते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ को राज्य में सांड़ सफारी बनाने की नसीहत दे डाली तो वहीं अखिलेश के बयान पर पलटवार करते हुए आदित्यनाथ ने बोला कि जो सांड समाजवादी गवर्नमेंट में बूचड़खानों का हिस्सा होते थे, वो अब खेती का हिस्सा हैं।
सीएम योगी आदित्यनाथ का ऐलान
विधानसभा सत्र के दौरान अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश गवर्नमेंट पर किसानों और गरीबों की अनदेखी का इल्जाम लगाया तो मुख्यमंत्री योगी ने पलटवार करते हुए बोला 2024 चुनाव में सपा को जनता एक भी सीट नहीं जिताएगी। अखिलेश यादव ने सदन में अपने एक घंटे से लंबे भाषण में गवर्नमेंट को महंगाई, बेरोजगारी समेत अनेक मामले पर घेरा। अखिलेश यादव के आरोपों पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बोला कि किसानों और गरीबों को सपा पर नहीं भाजपा गवर्नमेंट पर भरोसा है। उन्होंने बोला कि जनता 2024 लोकसभा चुनाव में उनका खाता भी नहीं खुलने देगी। योगी आदित्यनाथ ने परिवार को लेकर भी अखिलेश यादव पर निशाना साधा और बोला कि चांदी की चम्मच में खाने वाले गरीबों की पीड़ा नहीं समझ सकते।
अखिलेश को योगी की नसीहत
योगी आदित्यनाथ और अखिलेश यादव के बीच गर्मागर्म बहस तो हुई ही साथ ही विधानसभा में ऐसा पल भी आया जब अखिलेश को उत्तर देते हुए मुख्यमंत्री योगी अपनी हंसी भी नहीं रोक पाए। विधानसभा में गर्मा-गरम बहस के दौरान ऐसे कई मौके भी आए जब योगी आदित्यनाथ ने अखिलेश को उत्तर देते हुए शिवपाल यादव का नाम लिया और उन्हें अखिलेश को कुछ सिखाने की नसीहत भी दे डाली। सबसे खास बात तो ये रही कि सीएम योगी भी शिवपाल यादव को चाचा कहकर संबोधित कर रहे थे। वहीं, अखिलेश यादव को मुख्यमंत्री योगी ने जमकर नसीहत दी और साफ कर दिया कि 2024 में सपा का खाता भी नहीं खुलने वाला है और मुख्यमंत्री योगी ने 2014, 2017, 2019 और 2022 के नतीजों को याद दिलाया। वहीं, उत्तर प्रदेश गवर्नमेंट की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री योगी ने अखिलेश यादव को कोविड-19 वैक्सीन के दुष्प्रचार के लिए भी जमकर फटकारा।
चलिए अब आपको मुख्यमंत्री योगी के 2024 के प्लान की वजह भी बताते हैं क्योंकि आंकड़े इस बात की गवाही दे रहे हैं कि 2014 से लेकर 2022 तक उत्तर प्रदेश भाजपा के लिए सबसे अधिक प्रॉफिट वाला प्रदेश है। सबसे पहले बात 2014 के चुनाव की। 2014 वो वर्ष था जब पीएम मोदी की लहर पूरे राष्ट्र में चल रही थी। तब उत्तर प्रदेश में भाजपा के खाते में सबसे अधिक सीटें आई थीं। यूपी की 80 सीटों में से भाजपा को 73 सीटें मिलीं थीं। कांग्रेस पार्टी के खाते में रायबरेली और अमेठी की दो सीटें ही आई थीं और सपा बड़ी कठिन से 5 सीटें ही जीत पाई थी। इस दौरान बीएसपी, आम आदमी पार्टी और अन्य का खाता भी नहीं खुल सका था। 2014 के चुनाव में ये पहला मौका था जब मायवती की बसपा जीरो अटक गई थी तो वहीं कांग्रेस पार्टी भी बड़ी कठिन से 2 सीटों पर जीत दर्ज कर पाई थी। साथ ही सपा के कुनबे ने 5 सीटों को जीता।
बहरहाल 2017 में उत्तर प्रदेश में हुआ विधानसभा चुनाव भी भाजपा के लिए जादुई नतीजे लेकर आया और भाजपा के लंबा राजनीतिक वनवास का भी दी एंड हो गया। उत्तर प्रदेश की 403 विधानसभा सीटों में भाजपा ने 324 सीटों पर धमाकेदार जीत दर्ज की। सपा महज 55 सीटों पर जा अटकी। बसपा के खाते में मात्र 19 सीटें आईं। अन्य के खाते में 5 सीटें गईं। जाहिर है 2017 में भाजपा की ये जीत अद्भुत थी और भाजपा ने अकेले अपने दम पर 311 सीटों पर जीत हासिल की जबकि शेष 13 सीटों पर भाजपा गठबंधन की जीत हुई। और 2019 के लोकसभा चुनाव में भी भाजपा ने यूपी में अपना जलवा बरकरार रखा। लोकसभा सीटों के नतीजों में महागठबंधन पर भाजपा भारी पड़ती नजर आई तो कांग्रेस पार्टी एक ही सीट पर सिमट तक रह गई। 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 62 सीटों पर जीत दर्ज की और भाजपा की सहयोगी अपना दल एस ने 2 सीटें जीतें। बसपा इस बार दहाई के आंकड़े तक पहुंचने में सफल रही और 10 सीटों पर उसके प्रत्याशी जीते। वहीं सपा महज 5 सीटों पर और कांग्रेस पार्टी 1 सीट पर सिमट गई।
2019 में सबसे बड़ा हानि कांग्रेस पार्टी को उठाना पड़ा। तब अमेठी लोकसभा सीट पर भाजपा उम्मीदवार और मौजूदा केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी को करारी शिकस्त दी थी तो वहीं अखिलेश यादव के नेतृत्व में सपा महज 5 सीटें ही जीत पाई। बहरहाल, 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा और योगी आदित्यनाथ का जलवा बरकरार रहा। भाजपा ने अकेले 255 सीटों पर जीत दर्ज की जबकि सपा 111 सीटों पर जीत गई। कांग्रेस पार्टी को महज 2 सीटें और बसपा 1 सीट जीत पाई। अन्य के खाते में 34 सीटें आईं।
जाहिर है इन्हीं नतीजों की दम पर मुख्यमंत्री योगी 2024 को लेकर हुंकार भर रहे हैं और अनेक विरोधी दलों के साफ साफ कह रहे हैं कि आपका खाता भी नहीं खुलेगा। बहरहाल 2024 का काउंटडाउन जारी है और राजनीतिक शोर भी दिनोंदिन तेज होता जा रहा है। लिहाजा आने वाले समय में बयानों की तल्खी और तेज होगी और राजनीतिक वायदों का शोर भी रफ्तार पकड़ेगा लेकिन उत्तर प्रदेश को लेकर जो भी कयास अब तक लगाए गए हैं वो अनेक कयास नतीजों में बदलेंगे या नहीं ये तो आने वाले समय में ही तय होगा।