मुजफ्फरनगर श्रीराम कॉलेज में बुर्कानशी लड़कियों ने किया कैटवॉक, इससे जमीयत उलेमा ने किया विरोध
Muzaffarnagar Rampwalk: यूपी के मुजफ्फरनगर में एक रैंपवॉक चर्चा में है। हुआ यह कि श्रीराम कॉलेज में बुर्कानशी लड़कियों ने कैटवॉक किया, जिसका जमीयत उलेमा ने घोर विरोध किया है। जमीयत उलेमा के जिला कंवीनर ने इसे सरासर गलत ठहराते हुए मुस्लिमों की भावनाओं को भड़काने वाला कहा है। जीमयत उलेमा ने ये साफ किया कि बुर्का किसी फैशन शो का हिस्सा नहीं है। कॉलेज में आयोजित तीन दिवसीय फैशन स्पलैश 2023 में रविवार की शाम रैंप पर मॉडल्स और छात्राओं ने कैट वॉक किया।
बुर्कें में लड़कियों ने कैटवॉक किया
दरअसल, जानकारी के अनुसार कार्यक्रम की थीम वैसे तो “बेटी बचाओं-बेटी पढाओ” रखी गई, लेकिन रैंप पर जब हिजाब में लड़कियों ने कैटवॉक कर दर्शकों को सलाम किया तो ऐसा लगा कि पूरी थीम के अर्थ ही बदल गए। बुर्कें में एक नहीं, बल्कि कई लड़कियों ने कैटवॉक किया, जिसके बाद अब बुर्के के इस कैटवॉक पर घमासान छिड़ गया है। एक तरफ बुर्कें में कैटवॉक करने वाली लड़कियां इसे क्रिएटिविटी और अलग सी एक्टीविटी बता रही हैं तो वहीं दूसरी तरफ जमीयत उलेमा ने हिजाब में कैटवॉक को सरासर गलत ठहराते हुए घोर विरोध किया है।
कॉलेज प्रशासन के विरुद्ध कार्रवाई की मांग
जमीयत उलेमा के जिला कंवीनर मौलाना मुकर्रम काजमी ने बुर्के में कैटवॉक को मुस्लिमों की भावनाओं को भड़काने वाला बताते हुए कॉलेज प्रशासन के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने भविष्य में इस तरह के कार्यक्रम आयोजित न कराए जाने की भी चेतावनी दी है। साथ ही साथ उन्होंने ये भी साफ किया है कि बुर्का किसी फैशन शो का हिस्सा नहीं है, बल्कि बुर्का मुसलमानों में पर्दों के लिए इस्तेमाल की जाने वाला है।
क्या कहे जमीयत उलेमा के मौलाना?
वहीं मॉडल बनी छात्राओं ने बोला कि हम इस फैशन शो के माध्यम से समाज को भी संदेश देना चाहते हैं। हम बताना चाहते हैं कि बुर्का और हिजाब सिर्फ़ घर में ही नहीं पहना जा सकता, बल्कि इसे फैशन में भी शामिल किया जा सकता है। हमें आशा है कि हमारे संदेश का समाज पर कुछ न कुछ तो असर होगा। इस अनोखे फैशन शो में मॉडल्स ने भिन्न-भिन्न तरह के कलर के बुर्के पेश किए। उनके डिजाइन इंडो-वेस्टर्न भी थे और ट्रेडिशनल भी थे।