Agra: ग्रीन कॉरिडोर से एंबुलेंस की राह होगी आसान
एसीपी सैयद अरीब अहमद ने कहा कि एंबुलेंस चालक, हॉस्पिटल संचालक-कर्मचारी और रोगी के तीमारदार यातायात पुलिस के इस कंट्रोल रूम पर कॉल कर सकते हैं. बताना होगा कि एंबुलेंस को कहां से कहां और कब जाना है. कंट्रोल रूम पर तैनात पुलिसकर्मी यह सुनिश्चित करेंगे कि एंबुलेंस को किसी चौराहे पर रेड लाइट नहीं मिले. ग्रीन कॉरिडोर कर एंबुलेंस को निकाला जाएगा. कंट्रोल रूम में तैनात टीएसआई हरीश चंद गौतम पब्लिक एड्रेस सिस्टम और सीसीटीवी कैमरों की सहायता से रास्ते से ट्रैफिक को क्लीयर कराएंगे.
हालांकि कई मार्ग पर जाम से निपटना सरल नहीं है. एमजी रोड पर ही ईश्वर टॉकीज से लेकर प्रतापपुरा तक दीवानी, सूरसदन, हरीपर्वत, सेंट जोंस चौराहा, सुभाष पार्क तिराहा, कलेक्ट्रेट, स्टेट बैंक तिराहा, साईं का तकिया चौराहे आते हैं. सात किमी की दूरी में कई स्थान जाम की परेशानी रहती है. दोपहर में विद्यालयों की छुट्टी के समय वाहनों का अधिक दबाव रहता है. ऐसे में पुलिस के लिए भी रास्ता क्लीयर करना सरल नहीं होगा.
गोल्डन आवर है महत्वपूर्ण
किसी हादसे में घायल आदमी के लिए पहला एक घंटा जरूरी होता है. इसे गोल्डन आवर बोला जाता है. इस दौरान उपचार मिलने पर जान बचने की आसार अधिक होती है. मगर, कई बार उपचार के लिए देरी से पहुंचने के कारण घायल की जान चली जाती है.
जाम में फंसता देख करें कॉल
यातायात पुलिस का बोलना है कि एंबुलेंस के कहीं भी जाम में फंसने पर राहगीर भी 9454457886 पर कॉल कर सकते हैं. कंट्रोल रूम के नंबर पर सूचना मिलने पर यातायात पुलिसवालों को निर्देशित किया जाएगा. सीसीटीवी से नज़र भी की जाएगी. आवश्यकता पर क्यूआरटी (क्विक रेस्पांस टीम) भी पहुंचेगी.
क्या है ग्रीन कॉरिडोर
बड़े शहरों में ग्रीन कॉरिडोर की प्रबंध की गई थी. पहले अंग ट्रांसप्लांट के लिए जाने वाली एंबुलेंस को ग्रीन कॉरिडोर बनाकर रास्ता दिया जाता है. मगर, अब यह प्रबंध आम एंबुलेंस के लिए की जा रही है.