उत्तर प्रदेश

वोट डालते ही राकेश टिकैत ने बता दिया कौन पड़ा कमजोर 

Rakesh Tikait: लोकसभा चुनाव-2024 के लिए 19 अप्रैल को पहले चरण का मतदान हुआ. इस दौरान उत्तर प्रदेश और बिहार के वोटरों ने कम मतदान से चौंका दिया. चुनाव आयोग के भरपूर कोशिश के बावजूद 62.37 प्रतिशत ही मतदान हुआ, जबकि साल 2019 में पहले चरण के दौरान 69.5 प्रतिशत मतदान हुआ था. मतदान का आखिरी आंकड़ा शनिवार यानी आज आने की आसार है. उम्‍मीदवार और सियासी दल अपने-अपने ढंग से कम मतदान की वजह और इनसे नतीजों पर पड़ने वाले असर का आकलन कर रहे हैं जबकि भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने शुकवार को वोट डालने के बाद ही कम मतदान के कारण गिना दिए थे.

राकेश सिंह टिकैत ने मुजफ्फरनगर के सरकुलर रोड स्थित चौधरी छोटूराम डिग्री कॉलेज में मतदान किया. इसके बाद मीडिया से बात करते हुए उन्होंने मतदान फीसदी कम होने पर बोला कि जब चुनाव लड़ने वाले ही ढीले पड़ रहे है तो वोट फीसदी तो कम ही रहेगा. उन्‍होंने कहा, ” भाई वोट परसेंटेज…जब चुनाव लड़ने वाले ढीला चुनाव लड़ेंगे. खर्चा करेंगे नहीं. बयानबाजी में भी कटौती करेंगे. गरम बयान देंगे नहीं…तो गर्माना तो पड़ेगा…देखो, घर का चूल्‍हा है, यदि उसमें भी नहीं गर्माओगे तो वो भी रोटी कच्‍ची फेंकेगा. ये तो आंदोलन है…आंदोलन तो भाई गरमाना पड़ता है. चुनावी आंदोलन है.

किन मुद्दों पर वोट पड़ रहा है? इस प्रश्न के उत्तर में राकेश टिकेत ने बोला कि मुद्दों पर आंदोलन होता है, वोट नहीं डाली जाती है. मुद्दों पर तो आंदोलन कर रहे हैं. क्‍या पता किसे वोट जाएगा. जनता ढीला कर रही है चुनाव.

मुजफ्फरनगर में करीब नौ फीसदी कम हुआ मतदान 
शुक्रवार को पहले चरण के मतदान के बाद मुजफ्फरनगर सीट पर भाजपा, समाजवादी पार्टी और बीएसपी सहित 11 प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम में कैद हो गई. 2019 के चुनाव में इस सीट पर 68.20 फीसदी मतदाताओं ने मतदान किया था. इस बार करीब  8.9 फीसदी कम मतदान हुआ है. इस सीट से इस बार भाजपा ने डा संजीव बालियान, समाजवादी पार्टी गठबंधन से हरेन्द्र मलिक और बीएसपी से दारा सिंह चुनाव मैदान में हैं. इन तीनों प्रत्याशियों ने चुनावी अखाड़े में जमकर चुनाव लड़ा लेकिन भयंकर गर्मी,  वोटरों के कम रूझान और गेहूं कटाई सीजन की वजह से वोट फीसदी कम हो गया.

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