उत्तर प्रदेश

राम मंदिर से कितनी दूरी पर बन रही बाबरी मस्जिद…

नई दिल्ली: अयोध्या में राम मंदिर के बाद अब मस्जिद के निर्माण की तैयारी जोरों पर है बाबरी मस्जिद के बदले बन रही नयी मोहम्मद बिन अब्दुल्ला मस्जिद की नींव रखने के लिए सोने से लिखी पवित्र कुरान की आयतों वाली काली रेत से बनी ईंट भी हिंदुस्तान आ गई है अयोध्या में बनने वाली मस्जिद की नींव इसी पवित्र काली ईंट से रखी जाएगी मस्जिद के निर्माण में इस्तेमाल होने वाली यह पहली ईंट होगी, जो सीधे मक्का से आई है हालांकि, यह पाक ईंट ऐसे ही मक्का से नहीं आई है, बल्कि एक धार्मिक प्रक्रिया से गुजरकर हिंदुस्तान आई है यहां गौर करने वाली बात यह है कि यह ईंट हिंदुस्तान से ही मक्का गई थी

दरअसल, अयोध्या में बाबरी मस्जिद की स्थान पर बनने वाली मस्जिद का नाम मोहम्मद बिन अब्दुल्ला मस्जिद दिया गया है यह मस्जिद अयोध्या से 25 किलोमीटर दूर धन्नीपुर गांव में बनाई जाएगी अयोध्या भूमि टकराव में वर्ष 2019 में निर्णय सुनाते हुए उच्चतम न्यायालय ने 5 एकड़ जमीन पर मस्जिद बनाने का भी आदेश दिया था इसके बाद इसके निर्माण का रास्ता खुला है कहा गया था कि रमजान के बाद कभी भी मुहुर्त देखकर मस्जिद की नींव की तारीख रखी जाएगी हालांकि, धन्नीपुर गांव में बनने वाली मस्जिद की नींव कब रखी जाएगी, अभी तक कोई आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है

कौन करवा रहा मस्जिद का निर्माण?
फिलहाल, मस्जिद के निर्माण की जिम्मेदारी इंडो-इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन (आईआईसीएफ) के कंधों पर है, जो यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड द्वारा गठित एक ट्रस्ट है समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, इंडो-इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन के सीनियर अधिकारी की मानें तो अयोध्या में भव्य मस्जिद का निर्माण इसी वर्ष मई से प्रारम्भ कर दिया जाएगा और इसे पूरा होने में तीन-चार वर्ष लगने की आशा है मस्जिद के लिए पैसे जुटाने के लिए राम मंदिर की तरह ही एक क्राउड-फंडिंग वेबसाइट भी लॉन्च की जाएगी

मस्जिद में क्या-क्या चीजें होंगी?
इंडो-इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ने घोषणा की है कि मस्जिद में इस्लाम के पांच स्तंभों का प्रतीक पांच मीनारें होंगी मस्जिद में दुनिया की सबसे बड़ी कुरान भी होगी, जिसकी ऊंचाई 21 फीट और चौड़ाई 36 फीट होगी मस्जिद परिसर में एक अस्पताल, एक संग्रहालय, एक पुस्तकालय, एक सामुदायिक रसोई और एक इंडो-इस्लामिक अनुसंधान केंद्र शामिल होगा मस्जिद की नींव के लिए पवित्र कुरान की सुनहरी आयतों से सजी एक अनोखी काली रेत की ईंट मक्का से हिंदुस्तान आ चुकी है

जमजम के पानी से ईंट का स्नान
मस्जिद की नींव के लिए जिस पवित्र ईंट का इस्तेमाल किया जाएगा, वह मस्जिद विकास समिति के प्रमुख और आईआईसीएफ के सदस्य हाजी अराफात शेख द्वारा हिंदुस्तान लाई गई है शेख ने बोला कि वह ताजी पकी हुई ईंट को महाराष्ट्र से मक्का ले गए, जहां उन्होंने इसे जमजम के पानी से स्नान कराया और इबादत की फिर वह ईंट को मदीना ले गए और इत्र के साथ अनुष्ठान दोहराया ईंट पर सोने से कुरान की आयतें और चारों तरफ पैगंबर का नाम लिखा हुआ है शेख ने बोला था कि ईंट को ईद के बाद अप्रैल तक अजमेर शरीफ और फिर अयोध्या ले जाया जाएगा उन्होंने बोला कि मस्जिद में पहली नमाज मक्का के इमाम इमाम-ए-हरम अब्दुल रहमान अल-सुदैस अदा करेंगे

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