नदी में नहाने उतरी तीन मासूम बहनों की डूबने से हुई मौत
जिले के सायरा क्षेत्र के मेर गांव की नदी में नहाने के लिए उतरी तीन मासूम बहनों की डूबने से मृत्यु हो गई. इनमें दो सगी बहनें थी, जबकि तीसरी उनकी बुआ की बेटी थी. इस घटना से गांव में शोक की लहर छा गई. सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने ग्रामीणों की सहायता से मृतशरीर बाहर निकाले तथा पोस्टमार्टम की कार्रवाई कराने के बाद परिजनों के हवाले कर दिए.
घटना उदयपुर जिला मुख्यालय से करीब 75 किमी दूर सायरा क्षेत्र के गांव मेर में मंगलवार शाम को हुई. किन्तु इसका खुलासा बुधवार को हो पाया. गांव के ओमप्रकाश गरासिया के तीन बेटियां है. जिनमें से छोटी बेटी मां के साथ खेत पर थी, जबकि अन्य दो बेटियां, जिनमें चार वर्षीया रीना और ढाई वर्षीया सविता अपनी बुआ प्यारी बाई की चार वर्षीया जलन पुत्री करमाराम गरासिया घर पर थी. मासूम जलन तीन किमी दूर अपने घर से यहां खेलने आई हुई थी. वार्ड पंच मोतीलाल ने पुलिस को कहा कि मंगलवार शाम को तीनों मासूम बहनें घर से नहाने के लिए करीब पांच सौ मीटर दूर नदी किनारे पहुंच गई थीं. आसार जताई जा रही है कि तीनों बहने नहाने के लिए नदी में उतर गई और डूबने से उनकी मृत्यु हो गई. देर शाम करीब सात बजे वहां से गुजर रहे गांव के मंशाराम ने नदी किनारे बच्चों के कपड़े रखे देख अनहोनी की संभावना जताई जिस पर ग्रामीण और सूचना मिलते ही सायरा थानाधिकारी प्रवीण सिंह मय जाब्ता मौके पर पहुंचे. जहां कड़ी मशक्कत के बाद पुलिस ने तीनों बहनों के मृतशरीर नदी से बाहर निकले. सायरा हॉस्पिटल में पोस्टमार्टम कराए जाने के बाद पुलिस ने मृतशरीर परिजनों के हवाले कर दिए. इस घटना की सूचना मिलते ही बड़ी संख्या में ग्रामीण मौके पर एकत्रित हो गए थे और समूचे गांव में शोक छा गया. कहा गया कि ओमप्रकाश के घर में अब सबसे छोटी दुधमुंही बच्ची जीवित रही है.
मां के साथ जाने से पता था नदी का रास्ता
ग्रामीणों ने कहा कि यहां लोग प्यास बुझाने और नहाने-धोने के लिए नदी और कुओं पर निर्भर हैं. इस वजह से बच्चियां मां के साथ अकसर पानी लेने और नहाने के लिए नदी पर जाती थी. इसलिए बच्चियों को नदी का रास्ता पता था. मां के खेत पर होने से बच्चियां अकेले ही घर से निकल गई और नदी पर जा पहुंची, जहां से बच्चियां के मृतशरीर ही घर लौटे. कहा गया कि मृतक बालिकाओं के पिता ओमप्रकाश और करमाराम खेती करते हैं.