इस खेती ने बदली किसान की किस्मत, कम लागत में अच्छा मुनाफा
बदलते समय के साथ खेती किसानी में भी परिवर्तन आ रहा है। लोग अपनी परंपरागत खेती छोड़ बागवानी की खेती कर रहे हैं। जिससे वह कम लागत में अधिक फायदा कमा रहे हैं। इसी कड़ी में रायबरेली जनपद के कस्बा शिवगढ़ के रहने वाले किसान बाबू लाल मौर्या भी परंपरागत खेती के इतर बागवानी की खेती यानी खीरे की खेती कर रहे हैं। जिससे वह कम लागत में अधिक फायदा भी कमा रहे हैं।
दरअसल बाबूलाल मौर्य अपनी लगभग 1 एकड़ जमीन पर बीते 5 सालों से खीरे की खेती कर रहे हैं। उनके अनुसार इस खेती में परंपरागत खेती से अधिक फायदा है और बाजारों में इसकी मांग भी अधिक रहती है। खासकर गर्मियों के मौसम में बाजारों में इसकी मांग बढ़ जाती है। मांग बढ़ने के कारण अच्छे दामों में इसकी बिक्री हो जाती है, जिससे अच्छी कमाई भी हो जाती है।
गर्मियों के मौसम में बढ़ जाती है मांग
किसान बाबूलाल मौर्य बताते हैं कि खीरा हमारे स्वास्थ्य के लिए भी बहुत लाभ वाला माना जाता है। इसीलिए गर्मियों के मौसम में लोग खाने के साथ सलाद के रूप में प्रयोग करते हैं, तो कुछ लोग यूं ही इसका सेवन करते हैं। इसीलिए गर्मियों के मौसम में बाजारों में इसकी मांग बढ़ जाती है। बाजारों में मांग बढ़ने के कारण खीरा 40 रुपए से लेकर 50 रुपए प्रतिकिलो की रेट से सरलता से बिक जाता है।
कम लागत में अधिक मुनाफा
Local 18 से बात करते हुए किसान बाबूलाल मौर्य बताते हैं कि खीरे की खेती में एक एकड़ में लगभग 40 से 50 हजार रुपए की लागत आती है, तो वहीं लागत के सापेक्ष दो से ढाई लाख सीजन में कमाई हो जाती है। बाबूलाल बताते हैं कि खेतों में तैयार फसल को वह रायबरेली सहित लखनऊ के बाजारों में बिक्री के लिए भेजते हैं, जहां उन्हें अच्छे मूल्य मिल जाते हैं। वह बताते हैं कि अन्य फसलों की तुलना में खीरा की खेती हमारे लिए अधिक मुनाफे वाली है, क्योंकि इसमें कम लागत में अधिक फायदा कमाया जा सकता है